नई दिल्ली । केंद्र सरकार के (Central Government’s) नोटबंदी के फैसले को (Decision of Demonetisation) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सही ठहराया (Upheld) और नोटबंदी के खिलाफ (Against Demonetisation) सभी 58 याचिकाएं (All 58 Petitions) खारिज कर दी (Rejected) । पांच जजों की बेंच ने सोमवार को यह फैसला सुनाया है। बेंच के जजों ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। फैसले में यह भी कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था । इस तरह के उपाय को लाने के लिए एक उचित सांठगांठ थी और हम मानते हैं कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरबीआई के पास नोटबंदी लाने का कोई अधिकार नहीं है और केंद्र तथा आरबीआई के बीच परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को दाखिल हलफनामे में कहा था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। इसीलिए फरवरी से लेकर नवंबर तक आरबीआई से विचार-विमर्श के बाद 8 नवंबर को इन नोटों को चलन से बाहर करने यानी नोटबंदी का फैसला लिया गया था।
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