नई दिल्ली (New Delhi) । सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि (Udhayanidhi Stalin) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फटकार लगाई है। अदालत का कहना है कि आप एक मंत्री हैं और आपको अंजाम पता होना चाहिए। उदयनिधि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सरकार में मंत्री भी हैं। बीते साल सितंबर में उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोनावायरस और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी।
दरअसल, उदयनिधि सनातन धर्म को लेकर दिए बयान के चलते उनके खिलाफ दर्ज FIRs को क्लब करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, ‘आपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है…। आपको पता है कि आपने क्या कहा है। आपको नतीजों के बारे में पता होना चाहिए। आप एक मंत्री हैं, आम आदमी नहीं हैं।’
स्टालिन की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि वह बयान को उचित नहीं हता रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि स्टालिन के खिलाफ 6 राज्यों में FIRs दर्ज हैं और सिर्फ उन्हें एकसाथ करने की अपील कर रहे हैं। इस दौरान कोर्ट ने उन्हें संबंधित हाईकोर्ट में जाने के लिए कहा। सिंघवी ने कहा, ‘मुझे 6 उच्च न्यायालयों में जाना पड़ेगा। मैं लगातार इस काम में उलझा रहूंगा…। यह अभियोजन से पहले उत्पीड़न होगा।’
सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कासतौर से पत्रकार अर्नब गोस्वामी, अमीष देवगन, भारतीय जनता पार्टी नेता नूपुर शर्मा और मोहम्मद जुबैर से जुड़े मामलों का जिक्र किया। एडवोकेट की तरफ से बार-बार कहने के बाद अदालत याचिका पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है। साथ ही मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को करने की बात कही है।
क्या था मामला
बीते साल 2 सितंबर को उदयनिधि ने कहा था, ‘कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें उखाड़ फेंकना होगा और हम सिर्फ उनका विरोध नहीं कर सकते। मच्छरों, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते। हमें उन्हें उखाड़ फेंकना होगा। सनातनम भी ऐसा ही है। विरोध नहीं, इसे जड़ से खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।’
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