नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) के फिरोज़पुर (Firozpur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सुरक्षा चूक को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। पंजाब सरकार पर बीजेपी (BJP) हमलावर है तो वहीं आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, लेकिन पीएम की सुरक्षा में लगी सेंध का ज़िम्मेदार कौन था? कैसे इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई? इन सवालों के जवाब हर कोई तलाश रहा है। इसी बीच अब पंजाब (Punjab) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा के चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज यानि बुधवार को फैसला सुनाएगा।
बता दें कि पंजाब (Punjab) के फिरोज़पुर (Firozpur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस 10 जनवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब दोनों की जांच पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति गठित करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने समिति में चंडीगढ़ के डीजीपी, आईजी राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के एडीजीपी (सुरक्षा) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले। वहीं सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्नी सरकार को पहले से ही थी। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एसपीजी एक्ट की जानकारी दी थी, साथ ही ब्लू बुक में सुरक्षा को लेकर जो जानकारियां दी गई हैं उसको भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है। इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता. यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है।
गौरतलब है कि पंजाब के फिरोजपुर दौरे पर पीएम मोदी की सुरक्षा में 5 जनवरी को सबसे बड़ी चूक देखने को मिली थी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पंजाब की सड़कों पर ऐसा बवाल काटा कि पीएम मोदी का काफिला आगे नहीं बढ़ पाया और 15-20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर ही फंसा रह गया। बाद में प्रधानमंत्री की रैली को ही रद्द करना पड़ गया और मोदी दिल्ली लौट आए।