नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वर्चुअल सुनवाई (Virtual hearing) के विकल्प के साथ-साथ मामलों की फीजिकल सुनवाई (Physical hearing) 1 सितंबर से (From September 1) शुरू करने के लिए एसओपी अधिसूचित किया है।
एक शीर्ष अदालत के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फीजिकल सुनवाई को धीरे-धीरे फिर से शुरू करने की ²ष्टि से, अंतिम सुनवाई या गैर-विविध दिनों पर सूचीबद्ध नियमित मामलों को फीजिकल मोड (हाइब्रिड विकल्प के साथ) में सुना जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि मामले में पक्षों की संख्या के साथ-साथ कोर्ट रूम की सीमित क्षमता को देखते हुए संबंधित बेंच निर्णय ले सकती है।
शीर्ष अदालत के महासचिव ने एसओपी में कहा, “आगे, किसी भी अन्य मामले को ऐसे दिनों में फीजिकल मोड में सुना जा सकता है, यदि माननीय पीठ इसी तरह निर्देश देती है। विविध दिनों पर सूचीबद्ध अन्य सभी मामलों को वीडियो / टेलीकांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा।”
एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को शीर्ष अदालत के पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने और 24 घंटे / 1.00 बजे के भीतर फीजिकल मोड या वीडियो / टेलीकांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से संबंधित अदालत के समक्ष पेश होने के लिए अपनी प्राथमिकताएं जमा करने की आवश्यकता होती है।
एसओपी के अनुसार, “फीजिकल सुनवाई (हाइब्रिड विकल्प के साथ) के लिए सूचीबद्ध मामले में, एक एओआर (या उसके नामित), एक बहस करने वाले वकील और प्रति पक्ष एक कनिष्ठ वकील को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी । प्रति पार्टी एक पंजीकृत क्लर्क, काउंसेल्स की पेपर बुक्स/जर्नल आदि को कोर्ट रूम तक ले जाने के लिए प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।”
एसओपी ने आगे कहा कि एक बार फीजिकल मोड के माध्यम से सुनवाई एओआर या पीटीशनर-इन-पर्सन द्वारा चुने जाने के बाद, संबंधित पार्टी को वीडियो/ टेली-कांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से सुनवाई की सुविधा नहीं होगी।
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