नई दिल्ली । संवैधानिक कोर्ट किसी मंदिर (temple) के दैनिक कार्यों (daily activities) की जांच नहीं कर सकता है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने तिरुमाला के तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) परिसर में मंदिर के उत्सव के समय पूजा विधि को लेकर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए ये टिप्पणी की।
याचिका बालाजी मंदिर के एक श्रद्धालु सिवरा दादा ने दायर की थी। 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह मौलिक अधिकारों का मामला है। तिरुपति मंदिर में पूजा कैसे हो रही है, यही सवाल है। तब चीफ जस्टिस ने पूछा था कि क्या हम पूजा में हस्तक्षेप कर सकते हैं कि इसे कैसे आयोजित किया जाए। चीफ जस्टिस ने कहा था कि मैं, मेरे भाई, मेरी बहन सब बालाजी के भक्त हैं। हम सभी पूजा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि देवस्थानम परंपराओं का ख्याल रखेगा और सभी अनुष्ठानों और रीति रिवाजों का पालन करेगा।
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