नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने इजरायल की प्रौद्योगिकी पेगासस (Israeli technology Pegasus) के जरिए खुफियागिरी कराए जाने के मामले की उच्चतम न्यायालय द्वारा जांच (probed by the Supreme Court) कराए जाने की मांग की है। न्यायालय की जांच प्रक्रिया बंद कमरे में हो सकती है।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पूरे प्रकरण के संबंध में कहा कि सरकार को संसद में श्वेत पत्र पेश करना चाहिए तथा देश को बताना चाहिए कि सरकार या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस के जरिए खुफियागिरी की या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री संसद और देशवासियों को हकीकत नहीं बताना चाहते। गृहमंत्री अमित शाह को यह साफ तौर पर बताना चाहिए कि सरकार ने पेगासस का उपयोग नहीं किया। फिलहाल गृहमंत्री न तो इसे स्वीकार कर रहे हैं न ही अस्वीकार।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि सरकार और उसकी एजेंसियों ने इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं किया तो सवाल उठता है कि किसने इसका प्रयोग किया। देश को यह जानने का अधिकार है। सिब्बल ने अमित शाह के घटनाक्रम (क्रोनोलोजी) संबंधित बयान का उपहास करते हुए कहा कि गृहमंत्री को यह समझना चाहिए कि यह खुफियागिरी 2017 से 2019 के बीच हुई। किसी विदेशी एजेंसी द्वारा सूचना संग्रह किया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। (एजेंसी, हि.स.)
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