नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर में व्यवसायी मनीष गुप्ता (Manish Gupta Case) की संदिग्ध मौत के मामले में शुक्रवार को सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराए जाने की मांग का मुद्दा उठा.
जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने पूछा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है या नहीं, इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीआई को सिफारिश की गई है लेकिन अभी तक सीबीआई ने केस पर काम शुरू नहीं किया है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस दिया है. अब इस मामले में 12 नवंबर को सुनवाई होगी.
इससे पहले हत्या का मुकदमा दर्ज होने से पहले एसएसपी ने चेकिंग के दौरान लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद मनीष की पत्नी मीनाक्षी की मांग प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझा और जांच एसआईटी को सौंपी. एसआईटी पिछले 10 दिनों से गोरखपुर में डेरा डाले हुए है और हर पहलू की जांच कर रही है.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि रामगढ़ताल थाना के कृष्णा पैलेस के होटल नंबर 512 में बीते 27 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी. मनीष की मौत को लेकर शुरूआत में एसएसपी गोरखपुर ने उसे हादसा बताया था.
हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट एसएसपी के बयान से उलटा साबित होने पर मृतक की पत्नी मीनाषी गुप्ता ने योगी सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने सीबीआई जांच के संस्तुति करने के साथ ही केस ट्रांसफर किए जाने तक पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने का निर्देश दिया था. अब तक की एसआईटी जांच में पुलिस द्वारा पीटे जाने की वजह से व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत होने की बात सामने आ रही है.
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