नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया (Rejected that Petition), जिसमें इतिहास की किताबों से (From the History Books) ताजमहल के निर्माण के संबंध में (Regarding Construction of Taj Mahal) कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों (Alleged Wrong Historical Facts) को हटाने की (To Remove) मांग की गई थी (Was Demanded) ।
जस्टिस एम.आर. शाह और सी.टी. रविकुमार ने याचिकाकर्ता से कहा कि जनहित याचिका मछली पकड़ने की जांच के लिए नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष एक अभ्यावेदन देने के लिए कहा, हम यहां इतिहास को फिर से खोलने के लिए नहीं हैं। इतिहास को जारी रहने दें। रिट याचिका को वापस ले लिया गया है।
इसके पहले 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के इतिहास की तथ्य-अन्वेषण जांच के लिए निर्देश देने और स्मारक के परिसर में 22 कमरों को खोलने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
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