विकास दुबे एनकाउंटरः पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को हटाने वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। यूपी पुलिस की एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे का मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के ही एक गैंगस्टर को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। यूपी के इस गैंगस्टर पर 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘तुम खतरनाक इंसान हो, तुम्हें जमानत नहीं दी जा सकती है। दूसरे मामले में देखो क्या हुआ। एक पर 64 मामले दर्ज थे, उसे जमानत दे दी गई थी। अब देखो उसका खामियाजा यूपी भुगत रहा है।
सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को रिहा करने में खतरा है, जिसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के मामले का हवाला देते हुए गैंगस्टर को जमानत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले भी विकास दुबे के एनकाउंटर केस की सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस दौरान कहा था कि इससे हमें हैरानी होती है कि कोई अपराधी इतने अधिक मामलों में वांछित होने के बाद भी कैसे पैरोल पर रिहा हो गया और इसके बाद उसने पुलिस के खिलाफ बड़े अपराध को अंजाम दिया।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कुख्यात बदमाश विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की जांच कर रही समिति से पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को हटाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता को विकास दुबे मुठभेड़ मामले में गठित जांच समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी गुप्ता पर आक्षेप लगाने का अवसर नहीं देगा।
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