• img-fluid

    सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

  • May 22, 2024


    रांची । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी (Arrest of Hemant Soren) को चुनौती देने वाली याचिका (Petition Challenging) पर सुनवाई से इनकार किया (Refused to Hear) । जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सोरेन की ओर से फाइल की गई पिटीशन में इस फैक्ट को छिपाया गया कि इस मामले में ईडी की स्पेशल कोर्ट संज्ञान ले चुकी है।


    जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की वेकेशन बेंच ने याचिका पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की, जिसके बाद सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली। इससे पहले बुधवार को कार्यवाही के दौरान कपिल सिब्बल ने दलीलें रखीं, लेकिन कोर्ट ने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि उनके सामने तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई और यह अच्छा आचरण नहीं है।

    बता दें कि इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए सिब्बल ने कहा था कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है। इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नामक एक व्यक्ति खेती करता था और बिजली का कनेक्शन उसी के नाम पर है। इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है।

    सिब्बल ने कहा था कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया, लेकिन इसे लेकर कहीं कंप्लेन दर्ज नहीं है। अप्रैल 2023 में ईडी ने इस मामले में कार्यवाही शुरू की और सिर्फ कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है। ईडी के पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इसपर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया।

    ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है। उन्होंने कहा कि सक्षम न्यायालय द्वारा मामले में संज्ञान लिया जा चुका है। जमानत याचिका को रद्द करते हुए सक्षम अदालत ने यह कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत होते हैं। इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि वह जमानत नहीं मांग रहे हैं, वह तो ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती दे रहे हैं।

    Share:

    जल संकट से जूझ रहा MP का यह गांव, हैंडपंप पर सुबह से ही लग जाती है भीड़

    Wed May 22 , 2024
    विदिशा: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा जिले की ग्यारसपुर तहसील (Gyaraspur tehsil of Vidisha district) में आने वाले मुरझिरी गांव में जल संकट दिख रहा है. यहां रह रहे आदिवासियों को बहुत दूर से जल लाना पड़ता है. मुरझिरी गांव के लोग नदी के पास लगे हैंडपंप से पानी भर रहे हैं, जहां सुबह से […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved