नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा (By Bombay Lawyers Association) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhad) और कानून मंत्री किरण रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) के खिलाफ दायर (Filed against) याचिका पर (On Petition) विचार करने से इनकार कर दिया (Refused to Entertain) ।
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ उनकी टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एस.के. कौल ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, यह क्या है? आप यहां क्यों आए हैं? अदालत के पास इससे निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है और उसने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। एसोसिएशन ने दावा किया कि रिजिजू और धनखड़ ने अपनी टिप्पणियों और आचरण से संविधान में विश्वास की कमी दिखाई।
रिजिजू ने कहा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली अपारदर्शी और पारदर्शी है और धनखड़ ने 1973 के ऐतिहासिक केशवानंद भारती के फैसले पर सवाल उठाया था, जिसने बुनियादी ढांचे का सिद्धांत दिया था।
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