कोलकाता । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत को लेकर (Regarding the bail of former West Bengal Education Minister Partha Chatterjee) ईडी से तीखे सवाल किए (Raised sharp questions to ED) ।
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने ईडी से तीखे सवाल किए और पूछा कि आरोपी को बिना परीक्षण के कितने समय तक हिरासत में रखा जा सकता है। खासतौर पर जब वह दो साल चार महीने से जेल में हैं। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि अगर इस मामले में सजा की दर 60-70 फीसदी है, तो सजा कम क्यों है?
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से इस मामले का विस्तृत ब्योरा भी मांगा है। पार्थ चटर्जी के वरिष्ठ वकील, मुकुल रोहतगी, ने कोर्ट में यह दावा किया कि ईडी द्वारा दी गई जानकारी गलत है। ईडी ने कहा था कि अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद पैसे पार्थ, अर्पिता और माणिक भट्टाचार्य के हैं, लेकिन रोहतगी ने इसे गलत बताया।
अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट जमानत पर अपना आदेश जारी करेगा। इस मामले में सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में रिश्वतखोरी के आरोपों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है, जिसमें 183 गवाह और 4 पूरक अभियोजन शिकायतें हैं। चटर्जी की उम्र 73 साल है और उनका दावा है कि उन्हें लंबी हिरासत में रखा गया है, जबकि मामले की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है।
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