नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सहारा समूह की कंपनियों (Sahara Group Companies) को राहत देते हुए (Giving Relief) जांच के दायरे से बाहर रखने (Keep Out of Scrutiny) के दिल्ली काईकोर्ट के आदेश (Delhi High Court Order) को गुरुवार को रद्द कर दिया (Quashes) ।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश अनपेक्षित था और उसने जांच रोकने का भी अभूतपूर्व फैसला किया था। हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर 2021 को जारी आदेश में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी पत्नी के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर पर भी रोक लगा दी थी।
सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट 17 मई को एसएफआईओ की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हुआ।
एसएफआईओ की ओर से मामले की पैरवरी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश की कि पूरा मामला एक लाख करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस तरह से कई कंपनियां संलिप्त हैं, उस स्थिति में जांच तीन माह में पूरी नहीं की जा सकती है। इसी वजह से सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय और उनकी पत्नी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था, ताकि वे देश छोड़कर भागे नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम चरण में जांच रोक कर सही नहीं किया। दिल्ली काईकोर्ट का फैसला रद्द किया जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved