नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फाइबरनेट घोटाले में (In Fibernet Scam) चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर (On Chandrababu Naidu’s Petition) सुनवाई टाल दी (Postponed Hearing) । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कथित फाइबरनेट घोटाले के संबंध में तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 30 नवंबर को सुनवाई करेगी क्योंकि कथित कौशल विकास मामले में आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की इसी तरह की याचिका पर दिवाली के बाद अपना फैसला सुनाने की संभावना है।
फाइबरनेट मामले में, आंध्र प्रदेश सीआईडी ने पहले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वादा किया था कि वह लिस्टिंग की अगली तारीख तक नायडू को गिरफ्तार नहीं करेगी। यह उपक्रम अगली सुनवाई तक जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कार्यवाही 9 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा राजनीतिक नेता को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है।
इससे पहले अक्टूबर में, सुप्रीम कोर्ट ने नायडू की एक अन्य याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें कौशल विकास घोटाला मामले की प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई थी, जबकि उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने से अदालत ने इनकार कर दिया था। हालांकि, 31 अक्टूबर को हाई कोर्ट के जस्टिस टी. मल्लिकार्जुन राव की बेंच ने पूर्व सीएम को मोतियाबिंद सर्जरी समेत उनके इलाज के लिए 28 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी थी।
नायडू पर राज्य में टीडीपी सरकार के दौरान हुए एपी फाइबरनेट घोटाले में ‘मुख्य भूमिका’ निभाने का आरोप है। सीआईडी ने उन पर एक निश्चित कंपनी का पक्ष लेने के लिए अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। इस ठेका फाइबरनेट कंपनी को दिया गया था।
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