नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फिज़िकल चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में तय करे कि फिजिकल कैंपेन पर क्या करना है। इस मामले पर अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पार्टियों ने प्रोटोकॉल का पालन किया होता तो आज यह स्थिति नहीं होती, आपको खुद से पूछना चाहिए कि इस स्थिति के लिए पहली जगह कौन जिम्मेदार है।
निर्वाचन आयोग और ग्वालियर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है।
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की है और कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश चुनाव प्रचार के अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग उन्हें फिजिकल चुनाव प्रचार की इजाजत देता है लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार वर्चुअल माध्यम से करने का आदेश दिया था।
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