पटना । बिहार में जाति अधारित सर्वेक्षण मामले में (In Bihar Caste-Based Survey Case) न्यायमूर्ति संजय करोल (Justice Sanjay Karol) के खंडपीठ से (From the Bench) अपना नाम वापस ले लेने से (After Withdrawing His Name) सुप्रीम कोर्ट में (In Supreme Court) सुनवाई (Hearing) बुधवार को रद्द कर दी गई (Was Canceled) । बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति संजय करोल ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। वह कुछ महीने पहले तक पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और वहां इस मामले की कार्यवाही का हिस्सा रहे थे। पटना उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के.वी. चंद्रन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यी खंडपीठ द्वारा पारित अंतरिम स्थगन आदेश को चुनौती देते हुए बिहार सरकार ने 4 मई को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बिहार सरकार के पास जाति आधारित सर्वे करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को निर्धारित की है। इससे पहले जाति आधारित सर्वे से जुड़ा मामला दो बार सुप्रीम कोर्ट में आया था और उच्चतम न्यायालय ने इसे पटना हाईकोर्ट के पास स्थानांतरित कर दिया था। इस बीच बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को लेकर नया कानून बनाने के संकेत दिए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved