नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद मेनका गांधी की याचिका सुनने से मना कर दिया है. मेनका ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 81 को चुनौती दी थी. इस धारा में चुनाव याचिका दाखिल करने के लिए 45 दिन की समय सीमा तय की गई है. दरअसल समय सीमा में दाखिल न होने के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेनका की चुनाव याचिका खारिज कर दी थी. ऐसे में मेनका ने कानून के प्रावधान को ही चुनौती दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट का काम कानून बनाना नहीं है. इस तरह से अगर कानून को चुनौती पर सुनवाई की गई तो मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सुल्तानपुर से इस बार लोकसभा चुनाव हारने वाली बीजेपी नेता की अपील पर नोटिस जारी कर दिया. इस अपील में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. यह कहा गया है कि उनकी याचिका में रखे गए तथ्यों पर हाई कोर्ट न विचार नहीं किया.
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