नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावी बॉन्ड के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड (Alphanumeric Code of Electoral Bonds) का खुलासा न करने पर (For Not Disclosing) भारतीय स्टेट बैंक को (To SBI) नोटिस जारी किया (Issued Notice) । भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने शुक्रवार को कहा,“उन्होंने बॉन्ड संख्या का खुलासा नहीं किया है, क्योंकि इसका खुलासा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा किया जाना है। ”
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने पांच जजों की पीठ से कोई भी फैसला देने से पहले एसबीआई को नोटिस जारी करने का आग्रह किया। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने स्पष्ट किया कि वह एसबीआई का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। इस पर संविधान पीठ में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर.गवई, जस्टिस जे.बी.पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कोर्ट की रजिस्ट्री को एसबीआई को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। एसबीआई को सोमवार तक इसका जवाब देना है।
सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 15 फरवरी का फैसला एक “समावेशी आदेश” था। इसमें एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण शेयर करने का निर्देश दिया गया था। संविधान पीठ चुनाव आयोग द्वारा दायर उस आवेदन पर विचार कर रही है, जिसमें चुनावी बॉन्ड पर सीलबंद कवर डेटा जारी करने की मांग की गई है। इसे कार्यवाही लंबित रहने के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था।
अपने आवेदन में, ईसीआई ने कहा कि उसने दस्तावेजों को प्रस्तुत की गई जानकारी की कोई भी प्रति अपने पास रखे बिना सीलबंद कवर/बक्से में भेज दिया। सीलबंद लिफाफे जारी करने का निर्देश देते हुए शीर्ष अदालत ने ईसीआई को 17 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर डिजीटल प्रति अपलोड करने के लिए कहा।
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