कलेक्टर को भी अवमानना का दोषी बताया, मगर डबल बैंच ने दे दी राहत
इंदौर। हाईकोर्ट (High Court) इंदौर की सिंगल बैंच ने अभी पिछले दिनों उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह (Ujjain Collector Neeraj Singh) को अवमानना का दोषी करार दे दिया था, जिसके चलते उसी दिन डबल बैंच में अपील की गई, जिस पर अवमानना याचिका से राहत भी मिल गई। हालांकि 18 जुलाई को सुनवाई होना है। दरअसल यह मामला कोठी महल (Kothi Palace) की ग्राम नानाखेड़ा और गोयलाखुर्द की बेशकीमती जमीनों से जुड़ा है, जिसकी वर्तमान कीमत 300 करोड़ रुपए से अधिक है। तत्कालीन अपर आयुक्त ने सीलिंग की इस जमीन को मुक्त करते हुए निजी नाम कर दिया था। उसके बाद लोकायुक्त ने भी इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध किया। अभी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी इस मामले में हाईकोर्ट आधेश के खिलाफ स्टे मिल गया है, जिसकी पुष्टि कलेक्टर श्री सिंह ने भी अग्रिबाण से चर्चा में की।
इंदौर-उज्जैन रोड पर जहां जमीनों के भाव आसमान पर पहुंच गए, वहीं महाकाल लोक बनने के चलते उज्जैन में भी जमीनें कीमती हो गई। इंदौर के ही कई जमीनी कारोबारी उज्जैन में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसा ही एक खेल हाउसिंग बोर्ड की गोयलाखुर्द की जमीन को लेकर भी सामने आया, जिसमें सिंगल बैंच ने हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट को ही रद्द कर दिया था। मगर डबल बैंच से स्टे मिला और बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में भी एसएलपी दायर कर दी। अग्रिबाण ने शिवांगी परिसर प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत खबर का प्रकाशन किया, जिसमें इंदौर-उज्जैन फोरलेन पर हाउसिंग बोर्ड का 111 करोड़ का प्रोजेक्ट आ रहा है और अभी अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया था। दरअसल, हाउसिंग बोर्ड इस जमीन पर व्यवसायिक दुकानों के साथ-साथ फ्लेटों का निर्माण तो कर ही रहा है, वहीं एलआईजी, एमआईजी, ईडब्ल्यूएस सहित अन्य श्रेणी के 116 मकान भी बना रहा है। दूसरी तरफ अभी उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह के खिलाफ सिंगल बैंच ने अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी, जिसके चलते कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को इंदौर हाईकोर्ट में लगातार खड़े रहना पड़ा। जमीन के नामांतरण आदेश का पालन न करने पर हाईकोर्ट ने यह कार्रवाई शुरू की। हालांकि तुरंत ही डबल बैंच में अपील करने के चलते कलेक्टर कोराहत मिल गई। वहीं नामांतरण करने के हाईकोर्ट आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर दी गई, जहां से स्टे प्राप्त हो गया। आज सुबह ही कलेक्टर श्री सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से मिले स्टे की पुष्टि भी की। दरअसल, यह मामला 300 करोड़ की बेशकीमती कोठी महल की जमीनों से जुड़ा है। खसरा नम्बर 99/5, 100, 101 से लेकर 121/1 की नानाखेड़ा और गोयलाखुर्द की जमीन सीलिंग घोषित थी, जिसे तत्कालीन अपर आयुक्त ने सीलिंग से मुक्त कर दिया था।
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