नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) के कथित शराब घोटाले (Alcohol scandals) में आम आदम पार्टी (आप) के नेता विजय नायर (Vijay Nair) को आखिरकार जमानत (Bail) मिल गई है। आप के कम्युनिकेश इंचार्ज रहे नायर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राहत दी है। वह 23 महीनों से जेल में बंद थे। कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार राजनेताओं में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ही जेल में बंद हैं। नायर से पहले बीआरएस नेता के कविता, आप नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह को भी सर्वोच्च अदालत ने ‘कैद से आजादी’ दी है।
सर्वोच्च अदालत ने मनीष सिसोदिया और के कविता के जमानत आदेश का भी जिक्र किया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता का अधिकार एक पवित्र अधिकार है, जिसका सम्मान उन विशेष कानूनों में भी होना चाहिए जहां सख्त प्रावधान लागू किए गए हैं। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि मौजूदा केस में याचिकाकर्ता 23 महीनों से हिरासत में है। ट्रायल शुरू नहीं हुआ है और अंडरट्रायल के रूप में सजा नहीं दी जा सकती है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ट्रायल शुरू किए बिना यदि विजय नायर को कैद में रखा गया तो ‘जेल अपवाद और बेल नियम’ के सिद्धांत की हार हो जाएगी।
ईडी का आरोप है कि विजय नायर ने शराब कारोबारियों और आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। जांच एजेंसी का दावा है कि विजय नायर की भूमिका इस पूरे घोटाले में काफी अहम है। यह भी आरोप लगाया गया है कि नायर अरविंद केजरीवाल के काफी करीब थे और उन्हें एक मंत्री के आवास में ठहराया गया था जोकि केजरीवाल के बंगले के नजदीक है। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कोर्ट में कहा था कि विजय नायर उन्हें नहीं बल्कि सौरभ भारद्वाज और आतिशी को रिपोर्ट करता था।
दिल्ली में वित्त वर्ष 2021-22 में बनी शराब नीति में घोटाले का आरोप है। ईडी और सीबीआई का आरोप है कि शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कहा है कि रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर के अलावा आम आदमी पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। केजरीवाल की जमानत याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिस पर अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
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