नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने असम में पार्टी की एक पूर्व सदस्य द्वारा (By A Former Member of the Party in Assam) दर्ज कराए गए (Were Registered) यौन उत्पीड़न मामले में (In Sexual Harassment Case) भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास को (To National President of Indian Youth Congress BV Shrinivas) गिरफ्तारी से (From Arrest) बुधवार को अंतरिम राहत दे दी (Granted Interim Relief) ।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ श्रीनिवास द्वारा दायर याचिका पर असम सरकार के साथ-साथ शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया, जिसने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने याचिकाकर्ता को पुलिस जांच में सहयोग करने और शिकायत में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शुरू की गई जांच में सहयोग करने के लिए कहा और मामले को 10 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया। पीठ ने कहा कि कथित घटना 24-26 फरवरी के दौरान रायपुर में हुई थी और शिकायत अप्रैल में असम में दर्ज की गई थी।
पीठ ने पाया कि एफआईआर दर्ज करने से पहले मीडिया को दिए गए ट्वीट और इंटरव्यू में, शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में कुछ नहीं कहा। पीठ ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई, इसलिए श्रीनिवास अंतरिम सुरक्षा के हकदार थे। शीर्ष अदालत ने कहा, एफआईआर दर्ज करने में लगभग दो महीने की देरी को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ता अंतरिम संरक्षण का हकदार होगा।
इसमें आगे कहा गया है, हम निर्देश देते हैं कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये की सॉल्वेंट जमानत पर अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने श्रीनिवास का प्रतिनिधित्व किया, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू असम के लिए पेश हुए और शिकायतकर्ता के लिए अधिवक्ता शैलेश मडियाल पेश हुए।
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