नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अनुच्छेद 35ए को हटाना (Abrogation Article 370 and Removal of Article 35A) वैध घोषित करने की (To Declare Valid) मांग वाली याचिका (Petition Seeking) खारिज की (Dismissed) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें यह घोषणा करने की मांग की गई थी कि राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अनुच्छेद 35ए को हटाना वैध और संवैधानिक था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका को “गलत धारणा” करार दिया और कहा कि इस तरह की घोषणा शीर्ष अदालत द्वारा जारी नहीं की जा सकती है, खासकर जब संवैधानिक वैधता का प्रश्न पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ 2019 के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, इसमें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को दी गई विशेष स्थिति को छीन लिया गया है और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने का बचाव करते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को कमजोर करने के उसके फैसले से क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता आई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादी नेटवर्क द्वारा सड़क पर की जाने वाली हिंसा अब अतीत की बात हो गई है और “आतंकवाद-अलगाववादी एजेंडे से जुड़ी संगठित पथराव की घटनाएं, जो 2018 में 1,767 तक थीं” 2023 में आज तक शून्य पर आ गईं।”
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