• img-fluid

    राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले हरीश वर्मा सहित 68 जजों के प्रमोशन को अवैध करार दिया सुप्रीम कोर्ट ने

  • May 12, 2023


    नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात में (In Gujarat) राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले हरीश वर्मा सहित (Including Harish Verma, who Sentenced Rahul Gandhi) 68 जजों के प्रमोशन (Promotion of 68 Judges) को अवैध करार दिया (Declared Illegal) और प्रमोशन लिस्ट पर स्टे लगा दिया (Put Stay on the Promotion List) । सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि फिलहाल जिन जजों को प्रमोट किया गया है, उन्हें उनके मूल पद पर वापस भेजा जाए।


    सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि गुजरात के भर्ती नियमों के अनुसार प्रमोशन का क्राइटेरिया ‘योग्यता सह वरिष्ठता’ और सूटेबिलिटी टेस्ट है। ऐसे में हम संतुष्ट हैं कि राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन करता है। जस्टिस शाह ने आगे कहा- हालांकि हम इस याचिका का निस्तारण चाहते थे, लेकिन एडवोकेट दुष्यंत दवे नहीं चाहते हैं कि हम याचिका डिस्पोज करें। जस्टिस शाह ने कहा, ‘चूंकि राज्य सरकार ने जजों को प्रमोट करने का निर्णय ले लिया है, ऐसे में हम इस प्रमोशन लिस्ट को लागू करने पर रोक लगाते हैं। जिन जजों को प्रमोट किया गया है, उन्हें उनके मूल पदों पर वापस भेजा जाए’।

    सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि यह मामला 8 अगस्त 2023 को फाइनल हियरिंग के लिए सूचीबद्ध होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जिस बेंच को केस असाइन करेंगे, वो आगे इस पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के ही दो अफसरों, रवि कुमार मेहता और सचिन प्रताप राय मेहता ने याचिका दायर की थी। दोनों सीनियर सिविल जज कैडर के अफसर हैं और खुद 65 प्रतिशत प्रमोशन कोटा के लिए हुई परीक्षा में शामिल हुए थे। रवि कुमार मेहता गुजरात सरकार के लीगल डिपार्टमेंट में अंडर सेक्रेटरी हैं, तो वहीं सचिन प्रताप राय मेहता, गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं।

    दोनों अफसरों का आरोप है कि प्रमोशन के लिए हुई परीक्षा में उनसे कम अंक हासिल करने वाले जजों का जिला जज कैडर में सेलेक्शन हो गया, जबकि ज्यादा अंक हासिल करने वालों को प्रमोशन नहीं मिला। दोनों अफसरों ने अपनी याचिका में यह आरोप भी लगाया था कि 68 जजों के प्रमोशन में निर्धारित क्राइटेरिया का पालन ही नहीं किया गया है। आरोप है कि प्रमोशन के लिए परीक्षा के साथ-साथ ”मेरिट कम सीनियॉरिटी” क्राइटेरिया रखी गई थी, लेकिन सेलेक्शन ”सीनियॉरिटी कम मेरिट” आधार पर हुआ। इससे योग्य और ज्यादा अंक वाले बाहर हो गए। गुजरात हाईकोर्ट ने जिला जज कैडर में 65 प्रतिशत प्रमोशन कोटा के लिए लिए जो मानक तय किया है, उसमें साफ लिखा है कि सीनियर सिविल जज से डिस्ट्रिक्ट जज कैडर में प्रमोशन का आधार सूटेबिलिटी टेस्ट और ”मेरिट कम सीनियॉरिटी” होगा।

    Share:

    किसानों से गाय का गोबर खरीदेगी MP सरकार, गौ रक्षा सम्मेलन में सीएम शिवराज ने की बड़ी घोषणा

    Fri May 12 , 2023
    भोपाल (Bhopal) । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की तर्ज पर मप्र की शिवराज सरकार ने भी प्रदेश के किसानों से गाय का गोबर खरीदने का एलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने शुक्रवार को भोपाल (Bhopal) में आयोजित गौ रक्षा सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर साल गौ […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved