नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना (Chief Justice Sanjeev Khanna) अब पांच सदस्यीय उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम (Five-member Supreme Court Collegium) के अध्यक्ष हैं और न्यायमूर्ति ए एस ओका (Justice A S Oka) इसके नए सदस्य हैं। पांच और तीन सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन 10 नवंबर को न्यायूमर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) के प्रधान न्यायाधीश पद से रिटायर होने के बाद किया गया है। सोमवार को ही जस्टिन खन्ना ने CJI का पदभार संभाला है।
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत सदस्य होंगे।
51वें सीजेआई
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने 17 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था और सोमवार को उन्होंने CJI के रूप में शपथ ली। उन्होंने ईवीएम की शुचिता को बरकरार रखने, अनुच्छेद 370 को हटाने, चुनावी बॉण्ड योजना को खत्म करने और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने समेत कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं।
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति खन्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के पुत्र और उच्चतम न्यायालय के दिवंगत पूर्व न्यायाधीश एच.आर. खन्ना के भतीजे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले तीसरी पीढ़ी के वकील रहे 64 वर्षीय न्यायमूर्ति खन्ना का लक्ष्य लंबित मामलों को कम करना और न्याय प्रदान करने में तेजी लाना है।
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