नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को तुषार गांधी द्वारा (By Tushar Gandhi) 2021 में एक धार्मिक सभा में (In A Religious Gathering in 2021) दिए गए नफरत भरे भाषणों के संबंध में (Regarding Hate Speeches given) दिल्ली पुलिस के खिलाफ (Against Delhi Police) दिल्ली की अदालत में दायर (Filed in Delhi Court) अवमानना याचिका (Contempt Petition) को बंद कर दिया (Closed) ।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे नटराज ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ से कहा कि जांच समाप्त होने के बाद आरोप पत्र 4 अप्रैल को राजधानी में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किया गया था। पीठ ने कहा कि न्याय के हित में वर्तमान अवमानना याचिका को इस पृष्ठभूमि के खिलाफ जारी रखना समीचीन नहीं है कि आरोप पत्र दायर किया गया था। नटराज ने 20 फरवरी को शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि मामले की जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही एक रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। जनवरी में, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह दिसंबर 2021 में हिंदू युवा वाहिनी की सभा में दिए गए कथित हेट स्पीच की जांच कर रही है।
पुलिस ने यह भी कहा कि उसने दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता, सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ, हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों और अन्य लोगों से भी पूछताछ की है। इसने आगे कहा कि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को मार्च में सुदर्शन न्यूज के संपादक के नमूने की आवाज के नमूने की यूट्यूब के वीडियो के साथ तुलना करने के लिए निर्धारित किया गया था। तुषार गांधी ने कथित अभद्र भाषा के मामलों में उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। हालांकि, पिछले साल नवंबर में अदालत ने उत्तराखंड सरकार और उसके पुलिस प्रमुख को अवमानना याचिका के पक्षकारों की सूची से मुक्त कर दिया था।
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