इंदौर। कल हीरानगर क्षेत्र में हुई चुनावी रंजिश को लेकर बड़ी घटना हो जाती। भाजपाइयों का कहना है कि अगर चंदू भैया का ड्रायवर उलटी गाड़ी नहीं भगाता तो उनकी हत्या कर देते। थाने में भी शिंदे ने बयान दिया कि मुरैना से बुलाकर मेरी और मेरे बेटे की हत्या की साजिश रची गई थी। महिलाओं ने भी जानबूझकर गाड़ी रोके रखी, ताकि गुंडे आए और मुझे मार सके।
कल मतदान के अंतिम दौर में जब शिंदे आदर्श मौलिक नगर चौराहे पर अपने समधि मनीष जैन, त्रिलोक राजावत और एक अन्य कार्यकर्ता के साथ निकल रहे थे तभी कुछ असामाजिक तत्वों ने उनकी गाड़ी को महिलाओं के साथ घेर लिया। शिंदे समर्थकों का कहना है कि इसी दौरान राजू भदौरिया वहां से इशारा करते हुए निकला और एक ऐसे स्थान पर जाकर बैठ गया, जहां से वह सीसीटीवी में आ सके कि वह यहां बैठा था। थोड़ी ही देर में कुछ युवक चंदू शिंदे की कार फोड़ने लगे तो ड्रायवर ने उलटी कार दौड़ाकर जैसे-तैसे वहां से शिंदे को बाहर निकला।
शिंदे ने थाने में लिखाया कि मुरैना के गुंडे यहां बुलवाए गए थे,जिसकी जानकारी उन्होंने थाने पर भी दी थी और दो गुंडों को पुलिस ने उठाया भी था, लेकिन कल उनकी हत्या की साजिश रची गई। यहीं नहीं उनके पुत्र आनंद शिंदे पर भी बाबी और अन्य युवक चाकू लेकर दौड़े। उसने भी वहां से भागकर अपनी जान बचाई। दोनों पिता-पुत्र की रिपोर्ट पर अलग-अलग केस दर्ज किया गया है। शिंदे ने कहा कि सुखलिया शांत क्षेत्र हैं और वहां भदौरिया समर्थकों द्वारा माहौल बिगाड़कर लोगों को मतदान से रोका जा रहा था। कल रात को थाने पर कांग्रेस नेताओं ने समझौते के प्रयास किए, लेकिन भजपाई अड़ गए कि हत्या की साजिश रचने वालों को माफ नहीं किया जाएगा। बाद में रात को प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
महिलाओं ने आरोप लगाए, फिर हंसने लगीं
कल के विवाद के बाद जब मीडिया विवादित स्थल पर पहुंचा तो वहां बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। उनसे जब पूछा गया कि क्या हुआ था तो उन्होंने शिंदे पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने के आरोप लगाएं। बाद में ये महिलाएं कैमरे के सामने ही हंसने लगी। कुछ महिलाएं तोड़फोड़ कराने की बात भी कर रही थी।
भ्रामक प्रचार बना झगड़े की जड़
दरअसल जब से चुनाव शुरू हुआ है तब से कांग्रेस चंदू शिंदे को तोड़फोड़ करने वाला प्रत्याशी बताते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद यह तुम्हारे घरों को तोड़ देगा। हालांकि यहां कैलाश विजयवर्गीय भी बोल चुके थे कि किसी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं होगी और आदर्श मौलिक नगर की रजिस्ट्रयों को लेकर वे भोपाल से आदेश लाएंगे।
बार-बार पुलिस बरसाती रही लाठियां
कल जब भाजपाई रिपोर्ट लिखाने शिंदे के साथ हीरानगर थाने पहुंचे तो वहां बुलाए गए बल ने लाठियां बरसा दी, जिसमें कुछ कार्यकर्ता घायल हुए। जब कार्यकर्ता थाने के बाहर की रोड पर बैठ गए तो बार-बार पुलिसवाले उन्हें उठाने के लिए लाठियां फटकारते रहे।
थाने में समझौते के प्रयास, लेकिन भाजपाई नहीं माने
भाजपा की ओर से दो नंबर का हर नेता और कार्यकर्ता हीरानगर थाने पहुंच गया था तो बाद में विधायक जीतू पटवारी, विशाल पटेल, महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला, कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और अन्य नेता भी थाने पहुंच गए। शिंदे की ओर से विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय ने कमान संभाली तो दूसरी ओर से पटवारी और शुक्ला मौजूद थे। थाने के अंदर मीडिया को भी जाने नहीं दिया गया। कांग्रेसी इसे चुनावी झगड़ा बताकर समझौते का प्रयास करवा रहे थे, लेकिन भाजपाइयों ने कह दिया कि जब तक हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज नहीं होगा वे यहां से नहीं हिलेंगे। मेंदोला भी कल गुस्से में थे और उन्होंने पुलिसिया सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न उठाया।
रात 11 बजे तक हीरानगर थाना घेरे रखा भाजपाइयों ने
कल जब तक राजू भदौरिया और उसके समर्थकों पर एफआईआर नहीं हुई तब तक भाजपाई हीरानगर थाना घेरे रहे। शाम 5 बजे से ही थाने पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा हो गया था और कार्यकर्ता भदौरिया तथा उसके साथियों के साथ परिजनों पर एफआईआर की मांग कर रहे थे। मतदान समाप्त होने के बाद दूसरे क्षेत्रों के कार्यकर्ता भी हीरानगर थाना पहुंच गए और सर्विस रोड के साथ मेनरोड पर भी बैठ गए। पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को देख अधिकारियों ने भी इशारा कर दिया कि बल प्रयोग न करें, नहीं तो माहौल बिगड़ सकता है। रात 11 बजे जब एफआर्आर की जानकारी कार्यकर्ताओं को दी गई तो वे वहां से अपने घरों की ओर रवाना हुए।
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