स्विट्जरलैंड। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant of Corona Virus) ने अप्रैल और मई महीने में भारत में कितनी तबाही मचाई थी, इसे कोई नहीं भूल सकता है, किन्तु वैज्ञानिकों ने बेहद खतरनाक चेतावनी जारी करते हुए दावा किया है कि कोरोना वायरस का अगला वेरिएंट (Next variant of corona virus) इंसानों की जिंदगी में कयामत बनकर ही आएगा। स्विट्जरलैंड के बासेल स्थित फेडरल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के के इम्युनोलॉजिस्ट डॉ. साई रेड्डी का कहना है कि सुपर वैरिएंट जब दस्तक देगा तो सिर्फ टीकों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का सुपर वैरिएंट भी दस्तक दे सकता है, जो नया खतरा होगा। खतरनाक बात ये है कि नया सुपर वैरिएंट मौजूदा सभी वैरिएंट को अपने भीतर समाहित कर सकता है। स्विट्जरलैंड के बासेल स्थित फेडरल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (Federal Technology Institute) के इम्युनोलॉजिस्ट डॉ. साई रेड्डी का कहना है कि सुपर वैरिएंट जब दस्तक देगा तो सिर्फ टीकों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। बचने के लिए अधिक असरदार और सुरक्षित वैक्सीन बनानी होगी। दक्षिण अफ्रीका में बीटा (Beta Variant) और ब्राजील में मिला गामा वैरिएंट (Gama Variant) टीके को धोखा देने में सक्षम है।
कोविड-22 अधिक घातक हो सकता है
डॉ. रेड्डी बताते हैं कि कोरोना कब खत्म होगा, तय नहीं। ऐसे में कोविड-19 भी कोविड-22 बन सकता है जो अधिक घातक हो सकता है। डॉ. रेड्डी बताते हैं कि सुपर वैरिएंट के आने पर सभी लोग खतरे में होंगे, क्योंकि वायरस इम्युनिटी को तोड़ने के हिसाब से ही खुद को तैयार करेगा।
टीका न लगवाने वाले सुपर स्प्रेडर
डॉ. रेड्डी बताते हैं कि दुनिया में टीकाकरण की दर संक्रमण दर से कम है। टीका लगवाने वाले भी संक्रमित हो रहे पर उन्हें खतरा कम है। टीका नहीं लगवाने वाले संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे लोग सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं। दुनिया के लिए टीका न लगवाने वाले लोग खतरनाक साबित होने वाले हैं।
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