रीवा। प्रदेश के रीवा संभाग में मरीजों को इलाज के लिए यूपी के प्रयागराज तक जाना पड़ता है। इस कोरोना काल में भी कई मामले ऐसे सामने आए हैं जब रीवा और आसपास के लोगों को प्रयागराज या जबलपुर जाकर इलाज कराना पड़ा। दरअसल यहां फिलहाल कोई ऐसा बड़ा आधुनिक अस्पताल ही नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए एक सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया। हॉस्पिटल तो बन कर तैयार हो गया, लेकिन अस्पताल के लिए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ हों तो यहां सही ढंग से इलाज शुरू हो पाए।
बताया जाता है कि इस अस्पताल के लिए 90 डॉक्टरों के पद सृजित किए गए हैं। इसके सापेक्ष अब तक महज 11 डॉक्टरों की नियुक्त ही हो पाई है। कमोबेश यही हाल पैरामेडिकल स्टॉफ को लेकर है। अब डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ ही नहीं तो मरीज भला यहां क्या करने आएं। हालांकि प्रशासन ने ओपीडी को चालू करा दी है। लेकिन बताया जा रहा है कि मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
बताया गया था कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कॉर्डियोलॉजी, सीटीवीएस, न्यूयोनेटोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जन, नेफ्रोलॉजी एवं यूरोलॉजी संबंधित स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। अस्पताल की प्रत्येक मंजिल में अलग- अलग सुविधाएं बनाई जाएंगी। भू-तल में जहां ओपीडी पार्ट-1 में होगा व पार्ट-2 में डाग्यनोस्टिक विभाग होगा। पहली मंजिल में न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी व नेफ्रोलॉजी पार्ट-ए में होगा। जबकि पार्ट-बी में नेफ्रोलॉजी के 22 बेड होंगे। दूसरी मंजिल के पार्ट-ए में कार्डियोलॉजी के 22 बेड होंगे, जबकि पार्ट-बी में न्यूरोलॉजी के 22 बेड, इसी तरह तीसरी मंजिल के पार्ट- ए में न्यूरोसर्जरी के 22 बेड व पार्ट-बी में यूरोलॉजी 22 बेड लगाए जाएंगे। इसी तरह चौथी मंजिल में आईसीयू के 10 बेड व पार्ट-बी में आईसीयूएस के 20 बेड होंगे। भवन की पांचवीं मंजिल में ओटी-3 प्लस कैथलैब होगा। इसके साथ ही सर्विस ब्लाक में किचन, लांड्री होगी। इसके साथ ही भवन के खाली पड़े स्थानों को हरा-भरा करने के लिए पेड़ पौधे लगाने के साथ ही पार्क बनाकर परिसर को सुंदर बनाया जाएगा।
पीएमएसएसवाई योजना के तहत बनने वाले इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के भवन निर्माण की लागत 150 करोड़ रुपये है। हॉस्पिटल परिसर 36 सौ स्क्वायर मीटर में है। यह अस्पताल 6 मंजिला है। अस्पताल की कुल लागत में से 120 करोड़ भारत सरकार और 30 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने राशि दी है। अस्पताल में 204 बेड हैं। साथ ही इसमें अत्याधुनिक मशीनें लगाई जानी हैं। केंद्र व राज्य सरकार से अस्पताल के लिए जारी धनराशि में से 67 करोड़ भवन के निर्माण कार्य में तथा शेष राशि इक्यूपमेंट एवं अन्य एसेसरीज में खर्च करने का लगाने का प्रावधान रहा।PM