जम्मू । मुठभेड़ स्थल (encounter site) पर आतंकियों (terrorists) के शवों से ठीक 15 फुट की दूरी पर तलाशी अभियान के दौरान दो मोबाइल (mobile) बरामद किए गए हैं। ये मोबाइल फोन सिम निकाल तोड़ कर आतंकियों ने फेंक दिए। संभव है कि आतंकी इन फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। आतंकी एक नाले से होते हुए अनवर मलिक के घर में घुसे थे। वहीं पर उन्होंने मोबाइल फोन फेंक दिए। इन मोबाइल की जांच में कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
ज्यादा पुराने नहीं थे मोबाइल, इन्हें कुछ ही समय पहले खरीदा गया था
इन दोनों फोन में एक सैमसंग और एक रेडमी का है। सैमसंग का मोबाइल हल्के हरे रंग का है और रेडमी का गहरे नीले रंग का है। दोनों फोन की हालत देखकर लगता है कि ये ज्यादा पुराने नहीं और इन्हें कुछ ही समय पहले खरीदा गया था। एसएपी ममता शर्मा का कहना है कि मुठभेड़ स्थल पर मिले दोनों मोबाइल एफएसएल के पास भेजे गए हैं, ताकि इनका डाटा रिकवर किया जा सके।
पुलवामा जैसे ब्लाइंड केस का राज भी फोन से खुला था
सुंजवां में हुए फिदायीन हमले की जांच में ये मोबाइल फोन अहम भूमिका निभा सकते हैं। ठीक उसी तरह ये मदद कर सकते हैं, जिस तरह पुलवामा जैसे हमले की साजिश का सच एक टूटे हुए मोबाइल फोन ने बाहर निकाला था, ठीक उसी तरह यह टूटे हुए मोबाइल फोन सच सामने ला सकते हैं। बता दें कि पुलवामा हमले के सभी आतंकी मारे गए थे। इसके बाद इसकी जांच पूरी नहीं हो पा रही थी। तभी एक टूटा हुआ मोबाइल फोन मिला, जिसका डाटा इकट्ठा करने पर कई अहम राज खुलकर सामने आए।
किसकी थी तीसरी एके-47 राइफल, जांच में जुटी एजेंसियां
मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास 3 एके-47 राइफलें मिली हैं। आमतौर पर मुठभेड़ में मारे जाने वाले आतंकियों के पास उतनी ही राइफल मिलती हैं, जितनी संख्या में वे खुद हों। ऐसे में इस बात का संदेह है कि तीसरी राइफल या तो किसी अन्य आतंकी की है, जिसने इन आतंकियों के साथ शामिल होना था। या फिर यह भी हो सकता है कि तीसरा आतंकी मौके से भाग गया हो। फिलहाल इन सभी पहलुओं को लेकर सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं।
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