चंडीगढ़: कांग्रेस को अलविदा कहने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ भले ही सक्रिय राजनीति से फरवरी माह में तौबा कर ली थी, लेकिन मौजूदा हालात उन्हें एक बार फिर से पंजाब की सक्रिय राजनीति में आने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. उन्होंने कांग्रस छोड़ने से पहले अपने संबोधन में कहा था, ‘सोनिया जी पंजाब को बख्श दो’. उनका पंजाब प्रेम उन्हें फिर से नई पारी की ओर ले जा सकता है. सुनील जाखड़ के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह अपने भविष्य के राजनीतिक सफर की घोषणा करने से पहले विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. समझा जाता है कि वह आने वाले महीनों में पंजाब पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्सुक हैं.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट में राजनीतिक विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि वर्तमान में पंजाब के राजनीतिक परिवेश को देखते हुए जाखड़ के पास भाजपा और आम आदमी पार्टी के रूप में 2 बड़े विकल्प मौजूद हैं. भाजपा इस समय पंजाब में अपने आप को स्थापित करने की कोशिश कर रही है और उसे एक मजबूत हिंदू चेहरे की तलाश है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सुनील जाखड़ के रूप में एक साफ छवि वाले हिंदू चेहरे का अपने खेमे में स्वागत कर सकती है. भगवा पार्टी के लिए एक विश्वसनीय चेहरे के तौर पर सुनील जाखड़ निश्चित रूप से 2024 के संसदीय चुनावों में मदद कर सकते हैं.
भाजपा को हिंदू चेहरे की तलाश, हिमाचल चुनाव बदलेंगे समीकरण
दूसरा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. हिमाचल की राजनीति में भाजपा, कांग्रेस और नई प्रवेश करने वाली आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन का असर पंजाब कांग्रेस में भविष्य के राजनीतिक समीकरणों पर पड़ेगा, जो हाल के विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपने कैडर को एक साथ रखने के लिए संघर्ष कर रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 के संसदीय चुनावों में आम आदमी पार्टी के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर बढ़ने की उम्मीद है, कई नेता एक ऐसे राजनीतिक स्थान की तलाश कर रहे हैं जो विश्वसनीय और ईमानदार नेताओं के लिए विकल्प और मंच प्रदान कर सके.
सुनील जाखड़ के फिर से सक्रिय राजनीति में आने की है बड़ी वजह
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह अंबिका सोनी के इशारे पर कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई, उसे देखते हुए निश्चित तौर पर जाखड़ आने वाले महीनों में अपने विरोधियों को जवाब देंगे. कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले सुनील जाखड़ ने सक्रिय राजनीति से हटने के फैसले की घोषणा की थी, लेकिन बदले हुए हालात उन्हें फिर से राजनीति में वापस ला सकते हैं. बता दें कि सुनील जाखड़ और उनके परिवार के सदस्य 50 वर्षों तक कांग्रेस में शामिल रहे. उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा था कि जिस तरह पार्टी ने इतने वर्षों की सेवा के बाद उनके साथ व्यवहार किया, उससे उनका दिल टूट गया.
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