मप्र पुलिस मुख्यालय की मलाईदार कुर्सी पर बैठे एक आईपीएस (वर्तमान में एडीजी) ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि 17 वर्ष पहले एक डीएसपी की जांच बंद करने के बदले रिश्वत में लिया मोबाइल फोन और सिम कार्ड रिटायरमेंट के पहले भारी पड़ जाएगा। डीएसपी ने अपने वेतन से ऑनलाइन 26 हजार का मोबाइल और अपने नाम से सिम खरीदकर जबलपुर के तत्कालीन एसपी को देकर अपनी जांच बंद कराई थी। इस मोबाइल और सिम का उपयोग आईपीएस की डॉक्टर बेटी ने लंबे समय तक किया। सिम आज भी उनकी बेटी उपयोग कर रही है। हाईकोर्ट के एक वकील ने पीएचक्यू की प्रशासन शाखा में आरटीआई लगाकर इस संबंध में जानकारी मांगी है। यानि एडीजी साहब की मुश्किलें बढऩे वाली हैं।
नेताजी के 250 करोड़ बेटे ने डकारे!
उज्जैन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महावीर प्रसाद वशिष्ठ लंबे समय बाद मीडिया की सुर्खियां बने हैं। 1993 से 2003 तक दिग्विजय सिंह की सरकार में उन्हें ‘सुपर सीएमÓ माना जाता था। मुख्यमंत्री निवास में उनका कक्ष था। राजगढ़, राघौगढ़ और चाचौड़ा के मतदाताओं को पूरा लेखा जोखा उनकी जेब में रखता था। सीएम बनने के बाद दिग्विजय सिंह ने चाचौडा और उनके अनुज लक्ष्मण सिंह के राजगढ़ से चुनाव लड़ा तो महावीर वशिष्ठ को इन चुनावों की जीत का शिल्पकार माना गया था। फिलहाल महावीर वशिष्ठ इस इतवार को अपने ही बेटे के खिलाफ मीडिया के सामने प्रगट हुए। उनका आरोप है कि उनके बड़े बेटे प्रवीण उर्फ पप्पू ने उनके परिवार के शिक्षण संस्थान पर कब्जा करके उन्हें ही बेदखल कर दिया है। इस संस्थान को कर्जे से उभारने वशिष्ठ ने अपने दो मकान और 27 करोड़ की जमीन बेची डाली है। खबर आ रही है वशिष्ठ परिवार के इस शिक्षण संस्थान की अनुमानित कीमत 250 करोड़ है। कभी पूरे मप्र को उंगली पर नचाने वाले महावीर वशिष्ठ आज अपने बेटे से ही न्याय दिलाने की मीडिया से गुहार लगा रहे हैं।
दो आईपीएस को चार्जशीट देने की तैयारी!
मप्र के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को चार्जशीट देने की तैयारी है। इनमें एक आईपीएस पिछले दिनों स्पेशल डीजी के पद से रिटायर हुए हैं। दूसरे पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हैं। बताया जाता है कि साइबर क्राइम में पदस्थापना के समय पुणे की एक महिला की गिरफ्तारी के मामले में महिला की बेटी ने इन अफसरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के आदेश का हवाला देकर स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा को रिटायरमेंट के एक दिन पहले शोकॉज नोटिस जारी किया गया। उनके साथ ही अनिल गुप्ता एडीजी टेक्निकल सर्विस पीएचक्यू को भी शोकॉज दिया गया था। खबर आ रही है कि इन दोनों अफसरों के जबाव से असंतुष्ट गृह विभाग ने दोनों अफसरों को चार्जशीट देने की तैयारी कर ली है। इसके चलते राजेन्द्र मिश्रा की पेंशन व अन्य देनदारियां भी रोक दी गई हैं।
चन्द्रप्रभाष शेखर को जोर का झटका धीरे से!
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लंबे समय से संगठन का काम देख रहे चन्द्रप्रभाष शेखर से संगठन का महत्वपूर्ण काम छीनकर वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय और मॉनिटरिंग का हल्का फुल्का काम थमा दिया है। खास बात यह है कि इसके विधिवत लिखित आदेश जारी किये गये हैं। चन्द्रप्रभाष शेखर के स्थान पर अब राजीव सिंह को संगठन का काम सौंपा गया है। राजीव सिंह से कार्यालय प्रशासन का काम लेकर कोषाध्यक्ष अशोक सिंह को सौंपा गया है। दरअसल लंबे समय से चन्द्रप्रभाष शेखर की कार्यशैली को लेकर शिकायतें आ रही थीं। प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने शेखर के खिलाफ गंभीर शिकायतें कमलनाथ तक पहुंचाई थीं। लंबे इंतजार के बाद आखिर चन्द्रप्रभाष शेखर से संगठन की जिम्मेदारी छीनकर कमलनाथ ने सिद्ध कर दिया कि उनकी चक्की धीमी चलती है, लेकिन बारीक पीसती है।
रिटायर वरिष्ठ आईपीएस संजय माने ने लगाई पेंशन के लिए गुहार!
मप्र के रिटायर वरिष्ठ आईपीएस संजय माने ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए 90 प्रतिशत पेंशन देने की मांग का आवेदन राज्य सरकार को दिया है। संजय माने सहित तीन आईपीएस अफसरों का नाम आयकर के एक छापे में मिले दस्तावेज में आया था। आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस नेताओं को नगदी दी थी। चुनाव आयोग के निर्देश पर इन्हें आरोप पत्र दिया गया था। खास बात यह है कि आयकर छापे की असिस्मेंट (फाइनल) रिपोर्ट आ गई है। फाइनल रिपोर्ट में इन तीनों आईपीएस का नाम नहीं है। संजय माने को उम्मीद थी कि फाइनल रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार उनके ऊपर लगे आरोप वापस लेकर पूरी पेंशन व अन्य देनदारियों का भुगतान कर देगी। लेकिन राज्य सरकार ने कोई फैसला नहीं किया तो रिटायरमेंट के एक वर्ष बाद संजय माने ने नियमानुसार 90 प्रतिशत पेंशन देने की गुहार लगाई है।
टीकमगढ़ में भाजपा पार्षदों ने क्यों की बगावत!
इस सप्ताह टीकमगढ़ नगर पालिका में भाजपा के दस में से सात पार्षदों ने लगभग बगावत करते हुए नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष के लिए पार्टी के अधिकृत अभिषेक खरे को नकारते हुए राजीव जैन वर्धमान को नेता प्रतिपक्ष चुन लिया। इसकी भनक लगते ही टीकमगढ़ से लेकर भोपाल तक हंगामा मच गया। पूरी रात भाजपा पार्षदों की घेराबंदी की गई। जिलाध्यक्ष अमित नूना के घर रात एक बजे तक उठा पटक चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला तो अगले दिन भोपाल से फोन लगाये गये। बमुश्किल दूसरे दिन स्वयं राजीव जैन वर्धमान ने अपने सभी समर्थक पार्षदों के साथ पार्टी के सामने समर्पण कर दिया। भाजपा पार्षदों की इस कथित बगावत के पीछे टीकमगढ़ विधानसभा से भाजपा के टिकट का गणित बताया जा रहा है।
और अंत में…..!
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान जबसे अमेरिका से पढ़ाई पूरी करके लौटे हैं उनका पूरा फोकस अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के युवाओं पर केन्द्रित है। वे बुधनी के युवाओं के लिए हर महीने कुछ न कुछ नया कर रहे हैं। कभी क्रिकेट प्रतियोगिता, कभी रोजगार मेला, कभी स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर। नई साल में कार्तिकेय ने नया काम कर डाला है। बुधनी, शाहगंज, नसरूल्लागंज के अधिक से अधिक बच्चे प्रशासनिक सर्विस में जा सकें इसलिए उन्होंने ‘मामा कोचिंग क्लासेसÓ का शुभारंभ किया है। खास बात यह है कि यह कोचिंग सीएसआर एवं गैर सरकारी संगठनों के आर्थिक सहयोग से युवाओं को पूरी तरह निशुल्क प्रशासनिक सेवा में जाने की तैयारी कराएगी।
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