नई दिल्ली। बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके दोनों बेटों तेज प्रताप (Tej Pratap) और तेजस्वी (Tejasvi) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। तीनों को कोर्ट (Court) ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े घोटाले मामले में तलब किया है। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में अन्य आरोपियों को भी तलब किया गया है। कोर्ट ने सभी को सात अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है।
दरअसल, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी जमन जारी किया गया है।
क्या है मामला?
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है। मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
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