शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते एक सप्ताह से सियासी उठापटक का दौर चल रहा है. बीच में सुक्खू सरकार (Sukhu Sarkar) पर आया संकट टल गया था. लेकिन फिर बाद में सियासी हलचलें शुरू हो गई. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के दिल्ली दौरे और चंडीगढ़ में बागियों से मुलाकात के बाद यह हलचल तेज हो गई. ऐसे में सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने भी विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के खेमे के विधायकों को साधना शुरू किया और दो विधायकों को अब सुरक्षा के अलावा, कैबिनेट रैंक दिया गया है. फिलहाल, अब सीएम सुक्खू पर सकंट टला नहीं है. वहीं, हिमाचल (Himachal Pradesh) के जाने-माने ज्योतिष गुरमीत बेदी ने सीएम की कुंडली सांझा की है और बताया कि उन पर सकंट बरकरार है और उनकी कुर्सी चली जाएगी.
गुरमीत बेदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुंडली में राहु की स्थिति और कुंडली में बना विष दोष यह साफ दर्शा रहा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. 26 मार्च 1964 को नादौन में जन्म लेने के समय की कर्क लग्न और सिंह राशि की उनकी कुंडली में ग्रहों की चाल यह साफ संकेत दे रही है कि सूबे की सत्ता उनके हाथ से फिसल सकती है. (सरकारी रिकॉर्ड में उनकी जन्मतिथि और उपलब्ध जन्म कुंडली में लिखी जन्मतिथि में एक दिन का अंतर है.
बेदी ने लिखा कि उनकी जन्म कुंडली 26 मार्च 1964 की बनी है.) उनकी कुंडली के द्वितीय भाव में सिंह राशि में बैठे चंद्रमा पर अष्टम भाव में बैठे शनि की सीधी दृष्टि पड़ने से विष दोष बन रहा है. कुंडली में दशम भाव यानी राज दरबार स्थान में बैठे गुरु और शुक्र के अलावा भाग्य स्थान में सूर्य और मंगल के आदित्य मंगल योग ने इन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया, लेकिन खरमास महीने के अशुभ पलों में जब इन्होंने शपथ ली थी, तब से ही सरकार पर संकट आने की पटकथा ग्रहों ने लिख दी थी. इस समय ग्रह गोचर में जो ग्रहों की स्थिति है.
बेदी ने कहा कि इसी को आधार बनाकर मैंने लगातार अपनी पोस्टों में स्पष्ट शब्दों में यह लिखा था कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में पहाड़ी राज्य हिमाचल में कांग्रेस की सियासत को जबरदस्त झटका लगेगा और कोई “खेला” भी हो सकता है. क्योंकि 13 फरवरी से ही सूर्य और शनि की एक साथ कुंभ राशि में युति बनी हुई है. अब 14 मार्च को सूर्य जब राशि परिवर्तन करके मीन राशि में आ जाएंगे तो उनकी राहु के साथ युति बन जाएगी और ग्रहण योग बन जाएगा. यह ग्रहण योग भी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को चैन से नहीं बैठने देगा. यानी अभी लावा और फूटेगा . इसके बाद. 15 मार्च को मंगल ग्रह भी इनकी कुंडली के अष्टम भाव में बैठे शनि के साथ युक्ति बनाएंगे और अष्टम स्थान पर दो परस्पर विरोधी ग्रहों की युति इनकी मुश्किलें बढ़ाने का काम करेगी.
गुरमीत बेदी कहता है कि 9 अप्रैल को शुरू हो रहे नए विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल ग्रह होंगे जबकि मंत्री शनि होने की वजह से मुख्यमंत्री सुक्खू को राजनीतिक तौर पर कई झटके लगेंगे और हिमाचल लोकसभा चुनाव में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी चारों लोकसभा सीटों पर बुरी तरह पराजित होगी. पार्टी में आंतरिक असंतोष शिखर पर जाएगा. सवा साल पहले प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जिन सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से अधिकतर सीटों पर लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ेगा. इनकी कुंडली में रोग व शत्रु स्थान यानी छठे भाव में केतु बैठे हैं, लिहाजा पार्टी में फूट और बढ़ेगी. शत्रु मुखर रहेंगे और अपने मकसद में कामयाब भी होते दिखेंगे.
विपक्षी दल को लगातार संजीवनी मिलती रहेगी. मुख्यमंत्री की कुंडली में नवमेश गुरु, कुंडली के दशम भाव यानि राज दरबार में शुक्र के साथ युति बनाकर बैठे हैं, जो सिर्फ तात्कालिक तौर पर ही उनकी कुर्सी को सुरक्षित रखे हुए हैं. लेकिन आने वाला समय ग्रहों के हिसाब से उनके सिंहासन के लिए खतरे का बिगुल बजा रहा है . बतौर मुख्यमंत्री वह अपनी पारी पूरी नहीं खेल पाएंगे. ऐसा संशय उनकी कुंडली और ग्रहों के गोचर ने बना दिया है.
और क्या दावा किया
पार्टी के भीतरी आक्रोश के साथ-साथ जन आक्रोश का भी उन्हें सामना करना पड़ेगा. सरकार का रथ भी वह ज्यादा समय नहीं खींच पाएंगे. बेदी ने दावा करते हुए कहा कि लोग उनके इस ज्योतिषीय विश्लेषण का स्क्रीनशॉट भी लेकर रख सकते हैं.
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