मुरैना (Morena)। पहाड़गढ़ के जंगल (Pahargarh Forest) में लड़ाकू विमान मिराज व सुखोई (Miraj and Sukhoi) के दुर्घटनाग्रस्त होने के चौथे दिन वायुसेना के अधिकारियों का सर्च ऑपरेशन समाप्त (search operation finished) हुआ। खास बात यह रही कि सुखोई विमान का एक इंजन भी पहाडग़ढ़ के जंगल में मिला है। जिस स्थान पर मिराज का इंजन मिला था उससे करीब आधा कलोमीटर दूर सुखोई का इंजन मिला है। यह इंजन गहरी खाई में था, जिसे बड़ी मशक्कत के बाद जांच दल के सदस्यों ने निकाला।
मंगलवार को पहाडग़ढ़ के जंगलों में बिखरे समस्त मलबे को एकत्रित कर ले जाया गया। इसके साथ ही संभवत: वायुसेना का सर्च ऑपरेशन भी समाप्त हो गया। देर शाम सभी अधिकारी व जांच दल के सदस्य यहां से रवाना हो गए।
उल्लेखनीय है कि पहाडगढ़ के जंगल में पिछले चार दिन से वायुसेना के जवान मिराज के समूचे भाग को एकत्रित नही कर पाये थे क्यों कि खोज में उन्हें काफी पाट्र्स जंगल में दूर दूर तक फैले मिले हैं। मंगलवार को जब वायुसेना के जांच के सदस्य खोजबीन कर रहे थे तब दल को जंगल की एक गहरी खाई में बड़ा हिस्सा दिखाई दिया। इसे सुखोई-30 का एक इंजन बताया जा रहा है। जिसे विगत दिवस निकालने की कोशिश सफल नहीं हो पाई। आज सुबह ग्वालियर एयरवेस से एक बड़ा दल पहाडगढ़ पहुंचा। तकनीकी व मशीनों के सहारे इस इंजन को निकाला गया। देर शाम तक इस इंजन को निकाला गया।
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