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मजीठिया की जेड प्लस सुरक्षा हटाने को सुखबीर बादल ने बताया AAP सरकार की खतरनाक साजिश

  • April 02, 2025

    चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने दावा किया है कि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की सुरक्षा को हटा दिया गया है। सुखबीर सिंह बादल (Shiromani Akali Dal) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये दावा करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार (Aam Aadmi Party Government) पर जमकर हमला बोला।

    उन्होंने कहा कि ये फैसला अकाली दल की लीडरशिप के खिलाफ गहरी साजिश का हिस्सा है। बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की जेड प्लस सुरक्षा हटाने को आम आदमी पार्टी सरकार की खतरनाक साजिश है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बिक्रम मजीठिया को ड्रग मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है। अरविंद केजरीवाल पहले ही लिखित रूप में मजीठिया पर नशे के झूठे आरोप लगाने के लिए मानहानि मामले में अदालत के सामने माफी मांग चुके हैं। इसके बावजूद अब उन्हें फिर से फंसाने की साजिश की जा रही है।


    सुखबीर बादल ने कहा कि मजीठिया की सुरक्षा हटाने को मेरी हत्या के असफल प्रयास से जोड़कर देखना चाहिए। ये हमला गुरु साहिबानों की कृपा से विफल हुआ है। आम आदमी पार्टी सरकार ने श्री हरमिंदर साहिब में हुए हमले की जांच को जानबूझकर कमजोर किया, जिसके कारण आरोपी को आसानी से जमानत मिल गई। सुखबीर बादल ने यह भी आरोप लगाया कि आप सरकार के वरिष्ठ अधिकारी खुलेआम अकाली दल के नेताओं और प्रवक्ताओं को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान चुप्पी साधे हुए हैं। सुखबीर बादल ने कहा कि अगर बिक्रम मजीठिया या अकाली दल के किसी नेता या कार्यकर्ता को कोई नुकसान पहुंचा तो इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और पंजाब के डीजीपी जिम्मेदार होंगे।

    बिक्रम मजीठिया से जुड़े नशा तस्करी मामले की SIT जांच
    सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि घटनाओं के इस क्रम से किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि हमारे विरोधी राज्य को किस दिशा में धकेलने की कोशिश की जा रही है। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से जुड़े नशा तस्करी मामले की जांच एसआईटी कर रही है। मजीठिया पर दिसंबर 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में मजीठिया को जेल भी जाना पड़ा था। टीम ने आखिरी बार मार्च में मजीठिया से दो दिनों तक रोजाना आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद जिसमें मजीठिया को उनके खिलाफ ड्रग्स मामले की जांच कर रही एसआईटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था। इससे पहले, मजीठिया ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिसके कारण वह कोई चालान पेश नहीं कर सकी।

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