नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से बम धमाकों की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। नई रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी काबुल में एक स्कूल में आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 100 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि रिपोर्टिंग के दौरान मानवीय संवेदनाओं ने हिला कर रख दिया। स्कूल के आस-पास शवों को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। कहीं हाथ पड़ें थे कहीं पैर।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट शहर के पश्चिम में दश्त-ए-बारची इलाके में काज स्कूल में हुआ। एक स्थानीय पत्रकार, बिलाल सरवरी ने इस हमले पर ट्वीट किया, “हमने अब तक अपने छात्रों के 100 शवों की गिनती की है। मारे गए छात्रों की संख्या बहुत अधिक है। कक्षा खचाखच भरी थी। वे छात्र विश्वविद्यालय में दाखिले की तैयारी के लिए जमा हुए थे।”
एक स्थानीय पत्रकार के अनुसार, इस घटना में ज्यादातर छात्र हैं, जिनमें ज्यादातर हजारा और शिया थे, जो मारे गए। हजारा अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है।
सड़क पर बिखरे पड़े हाथ-पैर
लेखक ने भयावहता को याद करते हुए कहा कि काज उच्च शिक्षा केंद्र के एक शिक्षक ने बच्चों के अंगों को उठाया। कहीं हाथ पड़े थे, कहीं पैर। ट्विटर पर विस्फोट से पहले का एक वीडियो भी साझा किया गया था जहां आतंकियों ने बम धमाका किया था।
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