बलूचिस्तान: पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत के ग्वादर में रविवार को चीनी इंजीनियरों (Chinese engineers) के एक काफिले पर हथियारबंद विद्रोहियों ने हमला (Chinese Engineers Attacked) कर दिया. बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. बीएलए ने दावा किया किया उसकी मजीद ब्रिगेड के दो फिदायीनों ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें 4 चीनी नागरिक और पाकिस्तानी सेना के 9 जवानों सहित कुल 13 लोगों की मौत हुई है. इस बीच कराची में स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास ने इस हमले के मद्देनजर चीनी नागरिकों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की.
बीएलए की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ‘ग्वादर में आज हुए आत्मघाती बम धमाके में मजीद ब्रिगेड के दो सदस्य दश्त निगोर के नवीद बलोच उर्फ असलम बलोच और गेश्कोर अवारन के मकबूल बलोच उर्फ कयाम ने चीनी इंजीनियरों के काफिले को निशाना बनाया. बीएलए ने दावा किया कि इस हमले में कम से कम 4 चीनी नागरिक और पाकिस्तानी सेा के 9 जवानों की मौत के साथ कई अन्य घायल हुए हैं और शुरुआती सूचनाओं के अनुसार हताहतों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.
स्थानीय अखबार ‘बलूचिस्तान पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार सुबह पाकिस्तान के बंदरगाह शहर ग्वादर (Gwadar) में धमाकों और गोलियों की आवाजें सुनाई दी, जहां मौके पर सभी सड़कें ट्रैफिक के लिए बंद कर दी गई. बलूचिस्तान पोस्ट ने एक मीडिया रिलीज का हवाला देते हुए बताया कि चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला सुबह करीब 9.30 बजे हुआ और उसके लगभग दो घंटे बाद भी भीषण गोलीबारी जारी थी. स्थानीय मीडिया की खबरों में बताया गया कि चीनी इंजीनियरों के काफिले पर यह हमला ग्वादर के फकीर कॉलोनी के पास हुआ. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अधिकारियों ने शहर को हाई अलर्ट पर रखा है और कथित तौर पर शहर में घुसने और निकलने के रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल मई में कराची विश्वविद्यालय में चीन के बनाए कन्फ्यूशियस संस्थान के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस पर बुर्का पहने एक बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने हमला करके तीन चीनी नागरिकों सहित चार लोगों की हत्या कर दी थी. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी. पाकिस्तान में काम कर रहे चीन के नागरिकों के खिलाफ पिछले साल यह पहला बड़ा हमला था. जबकि जुलाई 2021 में उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर बमबारी की गई. जिसमें 9 चीनी मजदूरों सहित तेरह लोगों की मौत हो गई थी. दबाव में आकर पाकिस्तान ने मारे गए चीनी मजदूरों के परिवारों को लाखों का मुआवजा दिया था. चीन ने हमले की जांच के लिए अपनी टीम भेजी थी.
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