उदयपुर। उदयपुर (Udaipur) में कांग्रेस के चिंतन शिविर (Congress contemplation camp) में पार्टी चीफ सोनिया गांधी (Party Chief Sonia Gandhi) ने अपने भाषण में बड़े बदलावों के संकेत तो दिए ही हैं लेकिन, सोनिया गांधी को भी पार्टी नेताओं (party leaders) की ओर से कुछ प्रस्ताव (some offer) मिले हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेताओं ने सोनिया गांधी से शिकायत की है कि अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं से नहीं मिलतीं। इसलिए हर सप्ताह पार्टी वर्करों से अध्यक्ष को मिलना चाहिए और काम की सालाना ऑडिटिंग होनी चाहिए। हालांकि देखना बाकी है कि पिछले आठ सालों से चुनावी हार झेल रही कांग्रेस पार्टी को चिंतन शिविर कितना बूस्ट कर पाता है?
राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का उद्घाटन हो गया। सोनिया गांधी ने अपने उद्घाटन भाषण में साफ किया कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए बहुत कुछ कर लिया है। अब वक्त उनके कर्ज चुकाने का है। सोनिया गांधी ने कहा कि मुश्किल दौर से गुजर रहे देश में लोगों को कांग्रेस से ही उम्मीद है। लेकिन लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पार्टी को जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक काफी सुधार की जरूरत है।
सोनिया ने नेताओं से आह्वान किया कि आप लोग यहां कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं और खूब सुझाव दीजिए, लेकिन बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए कि हम संगठन के तौर पर एक हैं। इस तरह सोनिया गांधी ने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस में बदलावों के लिए तत्पर हैं।
जिस तरह सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को सुधारने का आह्वान किया तो उसी तरह पार्टी नेताओं की तरफ से भी सोनिया गांधी को कुछ प्रस्ताव भेजे गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अर्से से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं से नहीं मिले। न ही उनकी समस्याओं पर गौर किया गया। प्रस्ताव में इस बात का जिक्र है कि पार्टी अध्यक्ष कार्यकर्ताओं से हर हफ्ते मिले और उनसे संवाद करे।
काम की सालाना ऑडिटिंग
कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर के पहले दिन ही सुझाव दिया गया है कि पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता से लेकर सांसद तक के काम की सालाना ऑडिटिंग होनी चाहिए। सूत्र बताते हैं कि इसमें पार्टी नेताओं ने हामी भरी है। उनका मानना है कि इससे पार्टी नेताओं के काम में पारदर्शिता आएगी। ये पता लग जाएगा कि कौन काम कर रहा है और कौन नहीं।
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