– चीनी सत्र 2021-22 में करीब 60 लाख टन अतिरिक्त चीनी का होगा निर्यात
नई दिल्ली। देश में चीनी का उत्पादन (sugar production in the country) चीनी सत्र 2021-22 में 2.18 फीसदी घटकर 3.05 करोड़ टन रहने का अनुमान (Estimated to be 3.05 million tonnes) है। इसकी मुख्य वजह इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग किया जाना है। हालांकि, पिछले चीनी सत्र 2020-21 में चीनी का उत्पादन 3 करोड़ 11.8 लाख टन का हुआ था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इस्मा ने पहला अनुमान जारी करते हुए कहा कि चीनी सत्र 2021-22 में गन्ने की पेराई कुछ क्षेत्रों में शुरू हो चुकी है, जबकि देश के अन्य क्षेत्रों में जल्द ही पेराई शुरू होने की उम्मीद है। चीनी संघ ने चालू चीनी सत्र में लगभग 3.05 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो जुलाई 2021 में जारी किए गए 3.1 करोड़ टन के प्रारंभिक अनुमान से कम है।
उद्योग निकाय इस्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन एक करोड़ 22.5 लाख टन, उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 13.5 लाख टन, कर्नाटक में 49.5 लाख टन होने का अनुमान है, जिसमें इथेनॉल के लिए चीनी का उपयोग किए जाने को शामिल नहीं किया गया है। इस्मा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण उपज में मामूली गिरावट और चीनी से शीरे की प्राप्ति में कमी आने की उम्मीद है।
इस्मा के मुताबिक महाराष्ट्र में पिछले वर्ष के मुकाबले प्रति हेक्टेयर ऊपज थोड़ा कम रहने की उम्मीद है। वहीं, शेष राज्यों से 2021-22 सत्र में सामूहिक रूप से 53.1 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है। इस्मा ने कहा कि एक अक्टूबर तक देश में 82.9 लाख टन चीनी का शुरुआती स्टॉक है, जो एक वर्ष पूर्व की अवधि की तुलना में 25 लाख टन कम है। लेकिन, यह अभी भी चालू सत्र के शुरुआती महीनों के लिए घरेलू जरूरत से ज्यादा है।
भारतीय चीनी उद्योग संघ इस्मा, जनवरी 2022 में गन्ने और चीनी उत्पादन अनुमानों की फिर से समीक्षा करेगा। इस्मा ने कहा कि भारत को चीनी सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में करीब 60 लाख टन अतिरिक्त चीनी का निर्यात जारी रखना होगा। गौरतलब है कि ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत, अपने इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए बड़े पैमाने पर गन्ने का उपयोग कर रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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