नई दिल्ली। देश का चीनी उत्पादन चालू महीने से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान 13 फीसदी बढ़कर 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने जारी एक बयान में ये बात कही है।
इस्मा के मुताबिक गन्ने की ज्यादा उपलब्धता से 2020-21 के दौरान चीनी का उत्पादन ऊंचा रहेगा। इस्मा ने कहा कि ईथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का रस और बी शीरे के करीब 20 लाख टन को अलग करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मौजूदा उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।
उद्योग संगठन ने बताया कि वर्ष 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितम्बर) में चीनी का उत्पादन 2 करोड़ 74.2 लाख टन और इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ना रस एवं शीरे को अलग किए जाने की मात्रा करीब 8 लाख टन रहा। इस्मा ने कहा चूंकि 2020-21 सत्र के लिए ज्यादा उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। इसलिए भारत को इस सत्र में करीब 60 लाख टन अधिशेष चीनी का निर्यात करना होगा।
अपने प्रारंभिक अनुमानों को जारी करते हुए इस्मा ने कहा कि गन्ना रस और बी-मोलस (शीरे) को इथेनॉल उत्पादन के लिए अलग किए जाने के कारण इस्मा को विपणन वर्ष 2020-21 में चीनी उत्पादन लगभग 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान है। गौरतलब है कि गन्ने की अधिक उपलब्धता और अधिशेष चीनी का उत्पादन की वजह से यह अनुमान लगाया जाता है कि गन्ने का सिरप और शीरे की एक बड़ी मात्रा का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में होगा। हालांकि, इस्मा को इस ‘डायवर्जन’ का एक बेहतर आंकड़ा, निविदा के लिए बोली मंगाए जाने और मिलों के द्वारा इथेनॉल आपूर्ति के लिए बोली लगाने के बाद मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में होगा सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन
इस्मा के पहले पूर्व अनुमान के मुताबिक देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन मौजूदा 2020-21 सत्र में एक करोड़ 24.5 लाख टन से थोड़ा कम रहेगा जबकि पिछले सत्र में चीनी का उत्पादन एक करोड़ 26.3 लाख टन था। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भी चीनी का उत्पादन गन्ने के रकबे में 48 फीसदी बढ़ोतरी के मद्देनजर अधिक गन्ना आपूर्ति की वजह से उक्त अवधि में 61.6 लाख टन से बढ़कर 1 करोड़ 8 लाख टन होने का अनुमान है।
कर्नाटक में 46 लाख टन उत्पादन का अनुमान
इसी तरह तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में उत्पादन गन्ना खेती के रकबे में 19 फीसदी बढ़ोतरी से ज्यादा गन्ना उत्पादन की उम्मीद है, जो पिछले सत्र के 34.9 लाख टन से बढ़कर चालू सत्र में 46 लाख टन रहने का अनुमान है। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन वर्ष 2020-21 के दौरान 7,51,000 टन होने का अनुमान है, जो 2019-20 सत्र के समान ही है। हालांकि उक्त अवधि में गुजरात में ये उत्पादन पहले के 9,32,000 टन से बढ़कर 10,81,000 टन रहने की उम्मीद है।
इस्मा जनवरी 2021 में फिर करेगा समीक्षा
इस्मा ने कहा कि अन्य राज्यों द्वारा सामूहिक रूप से वर्ष 2020-21 के चीनी सत्र में लगभग 33,28,000 टन चीनी उत्पादन होने की उम्मीद है, जो पिछले सत्र में लगभग समान स्तर पर ही था। इस्मा ने कहा कि 1 अक्टूबर, 2020 को चीनी का शुरुआती स्टॉक एक करोड़ 6.4 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले सत्र की तुलना में कम होगा लेकिन अगले सत्र के शुरुआती महीनों में घरेलू आवश्यकता के लिहाज से पर्याप्त रूप से अधिक है। इसके अलावा यह भी उल्लेख किया है कि चूंकि गन्ने की पेराई जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसलिए कुछ महीनों के बाद एक बेहतर तस्वीर सामने आएगी, जब पैदावार और चीनी की प्राप्ति का वास्तविक रुझान उपलब्ध हो जाएगा। इस्मा फिर से गन्ना और चीनी उत्पादन के अनुमानों की समीक्षा जनवरी 2021 में करेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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