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    डायबिटीज के मरीजों के लिए sugar free आम, पाक का किसान बेच रहा रास्ते में

  • June 27, 2021

    कराची। गर्मी के मौसम में शुगर पेशेंट (sugar patient) मन भर आम खाने की तमन्‍ना नहीं पूरी कर पाते हैं, लेकिन अब आम के शौकीनों के खुशखबरी है, शुगर होने के बावजूद आप चाहे अब जितने आम खा सकते हैं। जी हां पाकिस्तान (Pakistan) के एक विशेषज्ञ ने शुगर फ्री आम की तीन किस्में इजाद की हैं जो मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्‍त हैं। इस विशेष प्रकार को हाई शुगर पेसेंट भी मजे से खा सकते हैं।


    गुलाम सरवर ने तैयार की है शुगर फ्री आम की तीन किस्‍में
    आमों को एमएच पंहवार फार्म के गुलाम सरवर ने तैयार किया है। सिंध के टंडो अल्लाहयार में निजी कृषि फार्म में एक वैज्ञानिक संशोधन के बाद शुगर फ्री आमों की नई किस्मों को पाकिस्तानी बाजारों में पेश किया गया है।शुगर फ्री आम की नई किस्मों के नाम सोनारो, ग्लेन और कीट हैं। कीट किस्म का शुगर लेवल सबसे कम 4.7 फीसदी तक है जबकि सोनारो और ग्लेन में शुगर लेवल (sugar level) क्रमश: 5.6 फीसदी और 6 फीसदी है। 300 एकड़ के इस खेत में आम की 44 गुणकारी किस्में हैं।

    5 साल की कड़ी मेहतन के बाद मिली सफलता, जानें क्‍या है दाम
    एमएच पंहवार के भतीजे गुलाम सरवर (Ghulam Sarwar) ने कहा कि उनके चाचा जैविक खेती पर अपने काम के लिए जाने जाते थे और उन्होंने फलों और अन्य पर कई तरह के शोध लेख और मैनुअल तैयार किए। इन शुगर फ्री आम की किस्मों के अनुसंधान और वैज्ञानिक संशोधन में लगभग पांच साल का समय लगा। सावर ने बताया शुगर फ्री आम लोगों के लिए किफायती हैं और स्थानीय बाजारों में लगभग 150 रुपये (70 रुपये) प्रति किलोग्राम के हिसाब से उपलब्ध हैं।चीनी मुक्त आमों का मौसम सिन्धरी और चौंसा के मौसम के बाद आता है और वे अगस्त तक उपलब्ध रहेंगे।

    सितारा-ए-इम्तियाज से सम्मानित पन्‍हवार के भतीजे ने किया ये कमाल
    मीडिया को बताया कि “पाकिस्तान (Pakistan) सरकार ने पन्हवार को आम और केले सहित फलों से संबंधित उनके शोध के लिए सितारा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया था। उनकी मृत्यु के बाद, मैंने उनका काम जारी रखा और आम की विभिन्न शैलियों का विदेशों से आयात करने के बाद अपने यहां के वातावरण और मिट्टी में इसकी वृद्धि का परीक्षण करने के लिए संशोधन किया।”

    सरकारी विभागों से कोई सहायता नहीं ले रहे
    सावर बताते हैं , “यह प्रोजेक्‍ट व्यक्तिगत आधार पर चलाई जा रही है और हम सरकारी विभागों से कोई सहायता नहीं ले रहे हैं। उन्‍होंने कहा सिर्फ इन किस्मों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करना चाहता हूं। हम राष्ट्रीय हितों के बारे में सोचते हैं लेकिन इस परियोजना का उपयोग लाभ प्राप्त करने के लिएनहीं कर रहे हैं। सरवर ने कहा कि उन्होंने नई किस्मों को पेश करने, फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने और मधुमेह (Diabetes) रोगियों के लिए शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आम उत्पादन में सुधार के लिए विभिन्न तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया।

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