कहां एक जून से लॉकडाउन में छूट की उम्मीदें लगाए बैठे थे… और चलती दुकानें भी बंद करा डाली
किसे समझाएं…10 रुपए तेल और 10 रुपए का किराना खरीदकर रोज पेट भरते हैं लोग
इंदौर। दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) द्वारा 1 जून से लॉकडाउन (Lockdown) में राहत दिए जाने की घोषणा के चलते राहत की सांस लेते लोग कल तब भौचक रह गए जब प्रशासन (Administration) ने बंदिशेें बढ़ाकर चलती दुकानें बंद करा दीं और पूरे शहर में जनता कफ्र्यू (Public Curfew) की जगह प्रशासनिक कफ्र्यू लादते हुए जबरदस्त सख्ती बढ़ा दी और उस पर तुर्रा यह है कि 8 दिन में कोरोना संक्रमण ( Corona Transition) की चेन को तोडऩा है, जबकि यह प्रयास तो पिछले एक माह से किए जा रहे हैं और अब जब कोरोना मरीजों की संख्या घट रही, तब संक्रमण की चेन तोडऩे का तुर्रा और सख्ती की महामारी शहर में फैलाकर लोगों को दहशतजदा करना समझ में नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के तत्काल बाद प्रशासन को निर्देश देकर बची-खुची राहत पर बंदिशों के संकट का फरमान तो जारी कर दिया, लेकिन जो लोग रोज पैसे जुटाकर किराना दुकानों से पेट भरने की जुगाड़ कर रहे थे। सब्जियां बाजार में सुलभ थीं। कुछ लोग काम में लगे थे, उन्हें यकायक रातोरात बंदिशों के दायरे में बांधना लोगों के समझ मेें नहीं आया।
शहर में एक ओर लॉकडाउन (Lockdown) के चलते गरीबों की हालत खस्ता है… सरकार ने तीन महीने का राशन भले ही उपलब्ध करा दिया हो, लेकिन अन्य जरूरतों का सामान उन्हें बाजार से ही लाना पड़ता है…हर दिन पांच-पच्चीस रुपए की जुगाड़ कर किराना दुकानों पर 10 रुपए का चुटकीभर तेल और 10 रुपए का किराना खरीदकर पेट भरने वालों के लिए सात दिन के लिए किराना दुकानें बंद होना किसी मुश्किल से कम नहीं…
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) कल इंदौर के दौरे पर आए और उन्होंने शहर में संक्रमण की दर घटाने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) मेंं सख्ती बढ़ाने और अब तक दी जा रही राहतों पर भी बंदिशें लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के आगे किसी विधायक और नेता की बोलने की हिम्मत तक नहीं हुई कि इंदौर शहर में जब मरीज घट रहे हैं… अस्पताल खाली हो रहे हैं… दवाएं सुलभ हो गईं तब एक ओर 1 जून से लॉकडाउन (Lockdown) में छूट देने की घोषणा करने और दूसरी तरफ बंदिशें बढ़ाने के निर्देश कैसे उचित हो सकते हैं। दरअसल प्रधानमंत्री द्वारा उन्हीं शहरों को राहत दिए जाने के फरमान जारी किए गए हैं, जहां संक्रमण की दर 5 प्रतिशत तक है। इस कारण मुख्यमंत्री ने मजबूरी में यह निर्णय लिया।
तेल से लेकर किराना तक सब कुछ महंगा हुआ
इधर रात में किराना दुकानों (Grocery Shops) पर बंदिशें लगीं और उधर 2400 रुपए का तेल का डिब्बा 2700 रुपए हो गया, जो कभी 1500 रुपए में मिला करता था। उधर सब्जियां भी रातोरात पहुंच से बाहर हो गईं… खेरची सब्जी विक्रेताओं (Vegetable Vendors) ने मंडी बंद होने के बाद अपनी बची-खुची सब्जियां मनमाने दामों पर बाजार में बेचीं…
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved