आजकल के समय में हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) आने की उम्र नहीं होती है। यहां तक कि कई बार लोगों को अहसास भी नहीं होता और अचानक से कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक (Heart attack and cardiac arrest) के शिकार हो जाते हैं। यहां तक कि लोग अपने हार्ट को फिट (Healthy heart) रखने के लिए क्या-क्या नहीं करते, इसके बाद भी पूरी जिंदगी दवाइयों पर निर्भर हो जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि बदलती लाइफस्टाइल में अपने खान-पान से लेकर एक्सरसाइज पर भी ध्यान दें। सबसे बड़ी बात कि तनाव न लें, क्योंकि हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण यही होता है। इसके अलावा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल भी हार्ट को अनफिट बनाता है।
हालांकि बूढ़ों के साथ ही नौजवान भी हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं। अधिकतर लोगों का यह मानना है कि हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापे और स्मोकिंग से हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा होता है।
पालो ऑल्टो मेडिकल फाउंडेशन में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर रोनेश सिन्हा का कहना है कि जब कोई बेसब्र, आक्रामक और बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी होता है तो उसे टाइप A पर्सनैलिटी कहा जाता है. इन्हें हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर आप टाइप A नहीं हैं तो आपको हार्ट अटैक नहीं आ सकता। कई बार आपके अलग बर्ताव के चलते भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा हो सकता है।
बता दें कि आमतौर पर ये गड़बड़ जीवनशैली और अनहेल्दी फूड हैबिट्स की वजह से होता है। हम ऐसी कई चीजों को इग्नोर कर देते हैं जिससे जिंदगी के लिए खतरा पैदा हो जाता है। मशहूर लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कॉटिन्हो (Luke Coutinho) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए बताया है कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्यों की कुछ वॉर्निंग साइन हैं जिन्हें कभी नजअंदाज नहीं करना चाहिए।
जब आपके ऊपर किसी काम को खत्म करने के लिए डेडलाइन सेट होती है या काम समय पर खत्म करने के लिए प्रेशर होता है तो इससे भी आपकी हार्ट हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। डॉ. सिन्हा का कहना है कि भले ही आप इम्पेशंट, एग्रेसिव या बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी ना हो लेकिन कई बार किसी की डिमांड को पूरा करने के लिए आपके ऊपर काफी ज्यादा दबाव बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है।
जबकि दूसरी ओर आपने बहुत से लोगों को ड्राइव करने के साथ मैसेज करते हुए या खाना खाते समय फोन पर बात करते हुए देखा होगा, हालांकि, मल्टीटास्किंग होने से हार्ट डिजीज का खतरा नहीं बढ़ता लेकिन डॉ. सिन्हा का कहना है कि इससे आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है जिसका सीधा संबंध हार्ट डिजीज के खतरे से जुड़ा हुआ होता है।
बहुत से लोग खासतौर पर पुरुषों की आदत होती है कि वह अपने इमोशंस जैसे गुस्से और निराशा को किसी के सामने जाहिर नहीं करते कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि ऐसे लोगों में क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन जैसे हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा होता है।
1. नींद की कमी होने पर कभी वर्कआउट न करें.
2. अपने दिल और खून की नियमित रूप से जांच कराएं.
3. स्मोकिंग न करें, ज्यादा खाने और पीने से बचें.
4. रिफाइंड चीनी, रिफाइंड कार्ब्स, जंक फूड, फास्ट फूड, रिफाइंड तेल न खाएं
ल्यूक कॉटिन्हो (Luke Coutinho) ने आखिर में बेहद अहम बात बताई, उन्होंने कहा, ‘जब आप अपनी जिंदगी और अपनी सेहत के तोहफे को रिस्पेक्ट नहीं देते हैं तो दुनिया में कोई भी पैसा या गुरूर आपकी मदद नहीं कर सकता।
अपने डेली रूटीन में मेडिटेशन और योग को शामिल करें यह आपके दिमाग को शांत रहने में काफी मदद कर सकता है।
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