इंदौर। इंदौर जिले के एक आदर्श गांव में श्मशान घाट (graveyard) के पास नया स्कूल (new school) बना है, जहां डर-डर कर छात्र-छात्राएं पढऩे आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार देपालपुर क्षेत्र (Depalpur area) के आदर्श गांव आगरा में पौने दो करोड़ की लागत से नया हाई स्कूल बनाया गया है। स्कूल के पास ही श्मशान घाट है, जहां आए दिन शव जलते रहते है।
स्कूल में आसपास इलाके के तकरीबन 20 गांव के छात्र-छात्राएं पढऩे आते हैं, जो श्मशान घाट को देखकर डर जाते हैं। यहां की वर्षा पांडे ने कई बार जिला पंचायत और जनपद पंचायत (Panchayat and Janpad Panchayat) से लेकर अन्य विभागों के अधिकारियों को श्मशान घाट हटाने के लिए पत्र लिखा, लेकिन अभी तक ध्यान नहीं दिया गया। उनका कहना है कि वर्तमान में साढ़े तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन अगर श्मशान घाट दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो छात्र-छात्राएं दूसरे स्कूल में चले जाएंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर पंचायत ने दिया था शिफ्ट करने का आश्वासन
बताया जा रहा है कि स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों द्वारा पूर्व में कई बार श्मशान घाट हटाने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन ध्यान नहीं देने पर स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के दिन ही पंचायत से बात की गई तो पंचायत ने आश्वासन दिया कि जल्द ही श्मशान घाट दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया जाएगा।
60 मीटर की दूरी पर शराब दुकान भी… दिनभर घूमते हैं पियक्कड़
स्कूल से लगभग 60 मीटर दूर पर देसी कलाली की दुकान भी है, जहां सुबह से लेकर रात तक शराबियों का आना जाना लगा रहता है। कई लोग तो नशे में मस्त होकर स्कूल के पास ही सडक़ पर लेट जाते हैं, जिन्हे देख विद्यार्थियों (students) के साथ-साथ शिक्षक शिक्षिकाओं व अन्य स्टाफ भी डरने लगे हैं।
पेरेंट्स को आना पड़ता है बच्चों को छोडऩे
कई बार तो ऐसा होता है कि बच्चों के पेरेंट्स को श्मशान घाट के कारण स्कूल छोडऩे आना पड़ता है। श्मशान घाट में शव जलता देख बच्चे बेहद डर जाते हैं और घर जाकर अपने परिजनों को सभी बात बताते हैं, जिस पर उन्हें स्कूल छोडऩे आना पड़ता है। यहां की शिक्षिका प्रेमलता पवार (Teacher Premlata Pawar) का कहना है कि श्मशान घाट के कारण बच्चे तो डर ही रहे हैं, वहीं हम लोगों को भी चिता के जले हुए सामान व फूल देखकर भय लगता है।
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