गेर में महिलाओं ने आना कर दिया था बंद, लेकिन हिन्दरक्षक की गेर से हुई शुरूआत
इन्दौर। 25 साल पहले जब गेर में महिलाओं (Ladies)ने आना बंद कर दिया था, तब गेर को फागयात्रा (faag yatra) का नाम देकर हिन्दरक्षक संगठन (Hindrakshak Sangathan) के लक्ष्मणसिंह गौड़ (Laxmansingh Gaur) ने इसकी शुरूआत की थी। अब गेर का रूप भव्य हो चुका है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होती हैं। खास बात यह होती है कि महिला स्वयंसेवक (Mahila Swayamsevak) ही महिलाओं के लिए इस गेर में सुरक्षा दीवार (Security Wall) बनकर खड़ी रहती है।
इस बार भी राधाकृष्ण फागयात्रा के रूप में भव्य गेर नरसिंह बाजार (Narsingh Bazar) से निकेलगी। गेर की शुरूआत 1998 में हुई थीं। तब कांग्रेस सरकार ने अनुमत नहीं दी थीं और लोगों पर लाठीचार्ज करवा दिया था, लेकिन बाद में उन्हें लक्ष्मणसिंह गौड़ को अनुमति देना ही पड़ी। इस बार भी गेर भव्य रूप में निकाली जा रही है, जिसमें महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल होंगी। संगठन की संरक्षिका एवं विधायक मालिनी गौड़ एवं राष्ट्रीय संयोजक एकलव्यसिंह गौड़ ने बताया कि इस बार भी यात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्ति शामिल होंगी, जिनके आसपास 200 महिला स्वयंसेवकों का घेरा होगा और उसके बाद 400 युवा घेरा बनाकर चलेंगे, ताकि गेर में किसी प्रकार की कोई हरकत न हो। यात्रा में भगवा ध्वज वाहिनी भी रहेगी। गेर की एक और खासियत यह रहती है कि इसमें टेसू से बने अबीर एवं गुलाल का ही उपयोग किया जाता है।
जरूरतमंदों को राशन किट वितरण
रसिया कार्नर की गेर का यह 50वां वर्ष है। गेर संयोजक राजपाल जोशी ने बताया कि स्वर्णजयंती वर्ष को यादगार बनाने के लिए गेर के पहले 50 युवा रक्तदान करेंगे और 50 जरूरतमंद परिवारों को राशन किट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही गेर में 500 युवा केसरिया हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाते हुए हेलमेट पहनने का संदेश देंगे।
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