इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें हिंदू परिवार को ईसाई बनने का पड़ोसी दबाव बना रहे थे. वे ऐसा न करने पर हिंदू परिवार के घर में अंडे और मांस के टुकड़े फेंक देते थे और तो और घर के मुखिया छेड़खानी का केस तक दर्ज करा दिया था. इसी सदमें में परिवार की बेटी की जान चली गई. इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र के सोलंकी नगर में एक हिंदू परिवार पर ईसाई बनने का दबाव इतना बनाया गया कि सदमें परिवार की बेटी की डिप्रेशन में चली गई और उसके बाद उसकी मौत हो गई.
दरअसल, गोपाल यादव इलेक्ट्रीशियन का काम करते हैं. उनकी तीन बेटियां और एक 4 साल का बेटा है. गोपाल और उनकी बड़ी बेटी खुशबू का कहना है कि घर के सामने रहने वाला ईसाई परिवार पहले अहिरवार सरनेम लगाता था, पूरा परिवार धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गया. इसके बाद गोपाल पर भी धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जाने लगा. ईसाई धर्म अपनाने के लिए कई प्रलोभन भी दिए गए. गोपाल ने जब अपना धर्म छोड़ने से इनकार कर दिया तो धर्मांतरित ईसाई परिवार गोपाल के परिवार को परेशान करने लगे.
हिंदू परिवार को पूजा पाठ करते देख घर के पास अंडे और मांस के टुकड़े फेक दिए जाते. आरती के समय तेज आवाज में ईसाई उपदेश बजाया जाता था. बड़ी बेटी घर से बाहर निकलती तो उसका रास्ता रोक लिया जाता था. इन सब से भी जब मन नहीं भरा तो उन लोगों ने गोपाल पर छेड़खानी का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया, जिससे घबराकर छोटी बेटी काजल डिप्रेशन में चली गई और इसी प्रताड़ना में उसकी मौत हो गई.
गोपाल केस दर्ज होने के बाद उसका काम प्रभावित हुआ और उसने डर की वजह से घर पर आना तक छोड़ दिया, जिससे परिवार में परेशानी ने घर कर लिया. ऐसे में दिव्यांग काजल अवसाद का शिकार हो गई. बड़ी बहन खुशबू के मुताबिक, घर की परेशानी की वजह से वो रोती रहती थी. यहां तक की कई दिनों से काजल ने खाना-पीना छोड़ दिया था. काजल दिव्यांग थी, लेकिन पिता से बहुत ज्यादा लगाव था.
पड़ोसी धमकियां देते थे कि यदि तुम लोग धर्म परिवर्तन कर ईसाई नहीं बनोगे तो फिर हम तुम्हारा यहां रहना मुश्किल कर देंगे और अगर तुम धर्म परिवर्तन कर लोगी तो तुम्हें यूएस में नौकरी दिलाएंगे और पैसा भी देंगे. बहरहाल, मृतका की बड़ी बहन खुशबू यादव की शिकायत पर विजयनगर पुलिस ने दशरथ टोनेरे, रेखा टोनेरे और उनकी बेटी रवीना टोनेरे के खिलाफ धमकी देने और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत केस दर्ज किया है. करीब सात साल पहले दशरथ ने पूरे परिवार के साथ ईसाई धर्म अपना लिया था. तब से वो ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार में लगा था.
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