कर्नाटक में 20 बच्चों को लगाई जायकोव-डी, तीन खुराक लगेगी
बेलगावी। देश में संभावित तीसरी लहर बच्चों (Children) के लिए खतरनाक बताई जा रही है। इस बीच राहतभरी खबर मिली है कि बेलगावी के जीवनरेखा अस्पताल (Hospital) ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila) के स्वदेशी कोरोना टीके जायकोव-डी का क्लिनिकल ट्रायल 20 बच्चों पर किया है, जो पूरी तरह सफल रहा। अस्पताल (Hospital) के निदेशक डॉ. अमित भाटे ने बताया कि पहले चरण में 12 से 18 साल के बच्चों (Children) पर ट्रायल किया गया, जिन्हें टीके की 3 खुराक दी गईं। तीनों खुराकें देने के बाद बच्चों (Children) में किसी तरह का अतिरिक्त प्रभाव नहीं देखा गया। बच्चों को पहली खुराक देने के 28 दिन बाद दूसरी और 56 दिन बाद तीसरी खुराक दी गई। इन सभी बच्चों को एक साल तक अस्पताल की निगरानी में रखा जाएगा। पिछले साल कोवैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी सफलतापूर्वक किया गया था।
बच्चों के स्वास्थ्य पर रखी जा रही नजर
यह अस्पताल (Hospital) देश के उन 21 केंद्रों में से एक है जहां पिछले साल कोवाक्सिन का क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक हुआ। रिपोर्टों के मुताबिक डॉ. भाटे का कहना है कि उनका अस्पताल पिछले दो महीने से सभी 20 बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है। इस दौरान सभी बच्चों की सेहत ठीक पाई गई। डॉक्टर का कहना है कि सभी अभिभावकों ने स्वेच्छा से बच्चों के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों (Children) पर परीक्षण करने से पहले सभी अभिभावकों की ऑडियो एवं वीडियो सहमति ली गई। हमें खुशी है कि ट्रायल के दौरान सभी बच्चों ने सहयोग किया।
तीसरी लहर में बच्चों के महामारी की चपेट में आने का खतरा
देश अभी कोरोना के तीसरी लहर के प्रकोप का सामना कर रहा है। भारत सरकार (Government of India) के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ने गत पांच मई को कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है और इस लहर में बच्चों (Children) के महामारी की चपेट में आने का खतरा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से तीसरी लहर की तैयारी अभी से शुरू करने के लिए कहा है। कई राज्य तीसरी लहर की तैयारी में जुटे हैं।
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