नई दिल्ली. भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बुधवार को के-4 बैलिस्टिक मिसाइल (K-4 ballistic missile) का सफल (Successful) परीक्षण (test) किया। गौरतलब है कि के-4 मिसाइल का यह परीक्षण नौसेना में हाल ही में शामिल हुई परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) से किया गया। परमाणु पनडुब्बी (nuclear submarine) आईएनएस अरिघात का संचालन स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड द्वारा किया जाता है।
चीन का पूरा इलाका भारत के परमाणु हथियारों की जद में आया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह परीक्षण भारत की परमाणु क्षमता के लिहाज से बेहद अहम है और अब भारत समुद्र से भी लंबी दूरी पर परमाणु हमला करने में सक्षम हो गया है। नौसेना द्वारा के-4 बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण से अब चीन का अधिकर इलाका भारत के परमाणु हथियारों की जद में आ गया है। नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में इस मिसाइल का परीक्षण किया। भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत, के-15 मिसाइलों से लैस है, लेकिन इनकी रेंज सिर्फ 750 किलोमीटर ही है। अब आईएनएस अरिघात से के-4 मिसाइल का सफल परीक्षण होने से भारत की चीन के खिलाफ ताकत बढ़ गई है।
अगले साल भारतीय नौसेना में एक और परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन को भी शामिल कर लिया जाएगा। आईएनएस अरिदमन को के-4 और के-5 बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस किया जाएगा। गौरतल है कि के-5 बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता और भी ज्यादा यानी 5000 किलोमीटर तक है। पनडुब्बी से परमाणु हथियारों से हमला करने वाला भारत, चीन के बाद एशिया का दूसरा देश बन गया है।
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