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    अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल टेस्ट, जानें क्या है खासियत

  • April 04, 2024

    नई दिल्ली: भारत (India) ने एक और सफतला हासिल की बुधवार को रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने जानकारी देते हुए बताया कि ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नयी जेनेरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम (Ballistic Missile Agni-Prime) का सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया. रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल के इस टेस्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार शाम को यह टेस्ट किया गया. यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना साध सकती है.

    मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) के साथ रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने 3 अप्रैल को शाम करीब सात बजे ओडिशा तट पर एपीजी अब्दुल कलाम द्वीप से नई जेनेरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफलतापूर्वक टेस्ट किया.

    रक्षा मंत्री ने की सरहाना
    प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, एसएफसी प्रमुख और डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस टेस्ट का निरीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफलतापूर्वक टेस्ट के लिए डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिसाइल का सफल टेस्ट सशस्त्र बलों की ताकत को और मजबूत करेगा.


    लॉन्च के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड के प्रमुख और डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल चौहान और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए एसएफसी और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की.

    अग्नि प्राइम मिसाइल की खासियत

    • एक साथ कई टारगेट पर हमला कर सकती है.
    • इस न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल पर एमआईआरवी वॉरहेड को लगाया जा सकता है.
    • इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है.
    • यह मिसाइल हाई इंटेसिटी वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या न्यूक्लियर वेपन ले जाने की काबिलयत रखती है.
    • मिसाइल पर 1500 से 3 हजार किलोग्राम के वॉरहेड लगाए जा सकते हैं.
    • इस मिसाइल का वजन 11 हजार किलोग्राम है.
    • मिसाइल में सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है.
    • अग्नि प्राइम टू स्टेज मिसाइल है. यह पिछले अग्नि के वर्जन से हल्की है.

    बता दें ,अग्नि 1 का परीक्षण साल 1989 में किया गया था. साल 2004 में जिस अग्नि मिसाइल को सेना में शामिल किया गया था उसकी मारक रेंज 700-900 किलोमीटर थी.

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