मंडी । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस (School of Basic Science) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 वायरस (Covid-19 virus) के एक प्रमुख प्रोटीन की संरचना के एक हिस्से को खोज निकाला है, जिससे कोरोना के सटीक और बेहतर उपचार को विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे वायरस की गतिविधि, संक्रमण और बीमारी की गंभीरता समझना आसान होगा। टीम के हाल के निष्कर्ष करंट रिसर्च इन वायरोलॉजिकल साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की भी मदद ली गई है। आईआईटी मंडी के सहायक प्रोफेसर डॉ. रजनीश गिरि इस शोध पत्र के सहलेखक हैं और उनके शोधार्थी अमित कुमार, अंकुर कुमार और प्रतीक कुमार के साथ-साथ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की डॉ. नेहा गर्ग हैं।
अभी सिर्फ लक्षणों पर हो रहा उपचार
वर्तमान में कोविड-19 (Covid-19) में अभी तक सिर्फ लक्षणों का उपचार होता है। इस बीच शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र संक्रमण से लड़ता है। आज तक किसी एंटीवायरल दवा होने की पुष्टि नहीं की गई है, जो वायरस को दोबारा पनपने से रोके। किसी भी वायरस का असर समाप्त करने का एक तरीका उसके प्रोटीन को खोजकर उसे नष्ट करना है। जो वायरस संबंधी बीमारी को समझने और वायरस की असरदार दवाओं के विकास के लिए सहायक सिद्ध होगा।
गैर संरचनात्मक प्रोटीन-1 की संरचना 180 अमीनो एसिड से होती है। सबसे पहले 1-127 रीजन को अलबामा विश्वविद्यालय के क्लार्क, ग्रीन एवं पेटिट ने प्रयोग के जरिये स्वतंत्र संरचना करते दिखाया है। एनएसपी-1 प्रोटीन के बाकी के 131 से 180 अमीनो एसिड रीजन पर किसी समूह ने कोई प्रायोगिक प्रमाण नहीं दिया। आईआईटी मंडी में हमारे ग्रुप ने सर्कुलर डायक्रोइज्म स्पेक्ट्रोस्कोपी और मॉलेक्युलर डायनामिक्स सिमुलेशन की मदद से इस रीजन की संरचना को अलग ढूंढा है। – शोधार्थी अमित कुमार, स्कूल ऑफ बेसिक साइंस आईआईटी मंडी
एनएसपी 1 जैसे प्रमुख वायरल प्रोटीन की अनुरूपता (कन्फॉर्मेशन) और संबंधित कार्यों को समझना अंतत: उपचार विकसित करने में सहायक होगा, जो इन प्रोटीनों को लक्ष्य बनाएगा और वायरस को रास्ते में रोक देगा। सहकर्मियों के इस तरह के अध्ययन से इस दृष्टिकोण को साकार रूप दिया जा सकता है।
-डॉ. रजनीश गिरि, सहायक प्रोफेसर, बायोटेक्नोलॉजी
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